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Droupadi Murmu: राष्ट्रपति के शपथ समारोह में सीट के बहाने आमने-सामने आए विपक्ष और सत्ता पक्ष, लगाया ये आरोप

रंजीता झा | SPECIAL CORRESPONDENT
Updated Jul 25, 2022 | 18:01 IST

Droupadi Murmu: कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने सोमवार को दावा किया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को ऐसी सीट पर बैठाया गया, जो उनकी पद की गरिमा के अनुरूप नहीं थी।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
सीट अरेंजमेंट को लेकर आमने-सामने आए विपक्ष और सत्ता पक्ष।
मुख्य बातें
  • द्रौपदी मुर्मू बनीं देश की राष्ट्रपति
  • शपथ ग्रहण समारोह में सीट अरेंजमेंट को लेकर आमने-सामने आए विपक्ष और सत्ता पक्ष
  • विपक्षी दलों के नेताओं ने विरोध दर्ज कराया

Droupadi Murmu: द्रौपदी मुर्मू ने आज देश के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर पद और गोपनीयता की शपथ लीं। देश के मुख्य न्यायाधीश ने उन्हें संसद भवन के सेंट्रल हॉल में शपथ दिलाई। इस ऐतिहासिक मौके का प्राधनमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई वीआईपी गवाह बने। सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों और दिग्गज नेताओं को भी आमंत्रित किया गया था। वहीं कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों के नेताओं ने सीटिंग अरेंजमेंट पर सवाल खड़े किए हैं।

द्रौपदी मुर्मू बनीं देश की राष्ट्रपति

कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने सोमवार को दावा किया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को ऐसी सीट पर बैठाया गया, जो उनकी पद की गरिमा के अनुरूप नहीं थी। उन्होंने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर ये भी दावा किया कि एक वरिष्ठ नेता का जानबूझकर अनादर किया गया है। 

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विपक्षी दलों के नेताओं ने विरोध दर्ज कराया

विपक्षी दलों के नेताओं ने इसको लेकर हैरानी जताते हुए विरोध दर्ज कराया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्विटर पर पत्र शेयर करते हुए कहा कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को पत्र लिखा है। 

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उधर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि नियम के मुताबिक तीन लाइन होती है। इसके बावजूद उनको अगली पंक्ति में सीट दी गई। संसद भवन के स्टॉफ ने उनसे सामने बैठने का आग्रह किया, लेकिन वे नहीं आए। उन्होंने कहा कि इससे पहले शनिवार को उन्हें पहली पंक्ति में प्रधानमंत्री के बगल में जगह दी गई थी, लेकिन वे नहीं आए। उन्होंने संसद का अपमान किया।
 

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