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क्या भारत में भी लगेगी मिक्स वैक्सीन? एस्ट्राजेनेका के बाद फाइजर का उपयोग प्रभावी

Updated Jun 08, 2021 | 20:13 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा है कि भारत के बाहर एस्ट्राजेनेका शॉट के बाद, दूसरी खुराक के रूप में फाइजर का उपयोग प्रभावी पाया गया है।

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फाइल फोटो

नई दिल्ली: सरकार ने पिछले मंगलवार को कहा कि कोविड-19 के टीकों को मिलाना अभी प्रोटोकॉल नहीं है। यह भी स्पष्ट किया गया था कि और दो खुराक वाले टीकों कोविशील्ड और कोवैक्सिन के शेड्यूल में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह जवाब उन रिपोर्टों के बीच आया था जब ये उठा कि भारत दो अलग-अलग वैक्सीन की खुराक देने के लिए परीक्षण की योजना बना रहा है। 

इस पर नीति आयोग के सदस्य (हेल्थ) वीके पॉल ने आज फिर एक बार बड़ी जानकारी दी है। उन्होंने कहा, 'टीकों का मिश्रण एक वैज्ञानिक प्रश्न रहा है। हमारे पास कोवैक्सिन और कोविशील्ड की मिश्रित प्रतिक्रिया का डेटा नहीं है। लेकिन भारत के बाहर, एस्ट्राजेनेका शॉट के बाद, दूसरी खुराक के रूप में फाइजर का उपयोग प्रभावी पाया गया।' 

पिछले महीने उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में 20 लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज अलग-अलग दी गई थीं। इसके बाद काफी हंगामा मच गया। ये बेहद लापरवाही का मामला था। इस संबंध में सरकार की प्रतिक्रिया आई। डॉ. वीके पॉल ने कहा था कि ये कोई चिंता का विषय नहीं होना चाहिए। हमारा प्रोटोकॉल स्पष्ट है कि दी गई दोनों खुराक एक ही टीके की होनी चाहिए। इस मामले की जांच होनी चाहिए। अगर ऐसा हुआ भी है तो यह चिंता का विषय नहीं होना चाहिए। 

कोवैक्सीन की तुलना में कोविशील्ड टीके से बनती है ज्यादा एंटीबॉडी
    
वहीं कोवैक्सीन की तुलना में कोविशील्ड टीके से ज्यादा एंटीबॉडी बनती है, हालांकि दोनों टीके प्रतिरक्षा को मजबूत करने में बेहतर हैं। एहतियात के तौर पर दोनों टीकों की खुराकें ले चुके स्वास्थ्यकर्मियों पर किए गए अध्ययन में यह बात सामने आयी है। यह अध्ययन अभी प्रकाशित नहीं हुआ है और इसे ‘मेडआरएक्सिव’ पर छपने से पहले पोस्ट किया गया है। इस अध्ययन में 13 राज्यों के 22 शहरों के 515 स्वास्थ्यकर्मियों को शामिल किया गया। इनमें से 305 पुरुष और 210 महिलाएं थीं। अध्ययन के अग्रणी लेखक और जीडी हॉस्पिटल एंड डायबिटिक इंस्टीट्यूट, कोलकाता में कंसल्टेंट एंडोक्राइनोलॉजिस्ट (मधुमेह रोग विशेषज्ञ) अवधेश कुमार सिंह ने ट्वीट किया, 'दोनों खुराक लिए जाने के बाद दोनों टीकों ने प्रतिरक्षा को मजबूत करने का काम किया। हालांकि, कोवैक्सीन की तुलना में सीरो पॉजिटिविटी दर और एंटीबॉडी स्तर कोविशील्ड में ज्यादा रहा।' कोवैक्सीन की खुराकें लेने वालों की तुलना में कोविशील्ड लेने वाले ज्यादातर लोगों में सीरो पॉजिटिविटी दर अधिक थी।

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