- एस-400 से जुड़ा प्रशिक्षण हासिल करने के लिए रूस में है सेना की एक टीम
- फ्रांस से 11 राफेल भारत पहुंच चुके हैं, अप्रैल 2022 तक आ जाएगी पूरी खेप
- राफेल और एस-400 की जुगलबंदी से चीन और पाकिस्तान दोनों चिंता में
नई दिल्ली : सीमा पर जारी गतिरोध एवं भविष्य के युद्ध की चुनौतियों को देखते हुए भारत अपनी रक्षा तैयारियों में जुटा है। थल सेना, वायु सेना और नौसेना को आधुनिक बनाने के लिए रक्षा उपकरणों एवं हथियारों की खरीद हो रही है। 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के तहत स्वदेशी तकनीक से निर्मित हल्का लड़ाकू विमान तेजस वायु सेना में शामिल हुआ है। अत्याधुनिक और स्टील्थ फीचर वाले फ्रांस के राफेल लड़ाकू विमानों ने वायु सेना को नई ताकत दी है। रूस से भारत को दुनिया की बेहतरीन वायु रक्षा प्रणाली S-400 जल्द मिलने वाली है।
भारत की सामरिक तैयारी से पाकिस्तान परेशान
भारत के रक्षा बजट और रक्षा तैयारियों से पाकिस्तान घबराया हुआ और खौफ में है। उसे समझ में नहीं आ रहा है कि भारत की रक्षा तैयारियों का वह किस तरह से जवाब देगा। पाकिस्तानी मीडिया में इन दिनों राफेल और एस-400 को लेकर काफी चिंता है। रूस से एस-400 जल्द ही भारत को मिलने वाले हैं। इस एयर डिफेंस सिस्टम से जुड़ा प्रशिक्षण हासिल करने के लिए सेना के विशेषज्ञों की एक टीम पिछले महीने मास्को के लिए रवाना हुई।
PAF के लड़ाकू विमानों के लिए बड़ी चुनौती
पाकिस्तान की यह चिंता अकारण नहीं है। उसके रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि भारत जिस तरह से अपनी सेना की ताकत में इजाफा और नए रक्षा उपकरण एवं हथियार हासिल कर रहा है उससे क्षेत्र में हथियारों की नई रेस पैदा हुई है। पाकिस्तान को चिंता है कि एस-400 मिल जाने के बाद उसका करीब-करीब पूरा वायु क्षेत्र भारत के नियंत्रण में होगा। एक रक्षा विशेषज्ञ का कहना है कि पाकिस्तान के वायु क्षेत्र की गहराई 460 किलोमीटर है। जबकि एस-400 की क्षमता 400 किलोमीटर है। यानि कि यह डिफेंस सिस्टम पाकिस्तान के 80 प्रतिशत से ज्यादा वायु ठिकानों को कवर कर लेगा। इन ठिकानों से पाकिस्तानी वायु सेना के लड़ाकू विमानों के उड़ान भरते ही भारत उन्हें मार गिरा सकता है।
अप्रैल 2022 तक भारत के पास होंगे 36 राफेल
राफेल लड़ाकू विमान को लेकर भी पाकिस्तान की नींद उड़ी हुई है। भारत और फ्रांस के बीच 36 लड़ाकू विमानों के लिए समझौता हुआ है। चौथी पीढ़ी के इन विमानों की खेप भारत पहुंचने लगी है। भारत को अब तक 11 राफेल मिल चुके हैं और अप्रैल 2022 तक सभी 36 लड़ाकू विमान आ जाएंगे। राफेल की गिनती दुनिया के बेहतरीन लड़ाकू विमानों में होती है। यह सीरिया, लीबिया और अन्य देशों में अपनी क्षमता साबित कर चुका है। यह विमान अपने वजन से डेढ़ गुना हथियार लेकर उड़ान भर सकता है। स्टील्थ फीचर से लैस यह विमान रडार को भी चकमा दे सकता है। मीटियोर, मीका, हैमर, स्कल्प जैसी मिसाइलें एवं हथियार इसे और घातक बना देते हैं।
राफेल के आगे टिक नहीं पाएंगे एफ-16 और जेफ-17
पाकिस्तान को चिंता है कि राफेल के सामने उसके लड़ाकू विमान एफ-16 और जेफ-17 टिक नहीं पाएंगे। राफेल की उपयोगिता एवं क्षमता के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही इशारा कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के समय यदि राफेल भारत के पास होते तो तस्वीर ही दूसरी होती। जाहिर है कि भारत के समय उस समय राफेल होता तो पाकिस्तानी वायु सेना 27 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर में दाखिल होने की हिम्मत नहीं करते। राफेल और उसमें लगने वाली मिसाइलों के आगे पाकिस्तानी वायु सेना की पूरी क्षमता बौना साबित हो जाती।
तो 27 फरवरी का दुस्साहस नहीं करती PAF
पूर्व वायु सेना प्रमुख बीएस धनोआ का कहना है कि एस-400 के साथ राफेल की जुगलबंदी भारत को इस पूरे क्षेत्र में सामरिक बढ़त देगी। इसका तोड़ निकाल पाना किसी दुश्मन देश के लिए आसान नहीं है। यही बात पाकिस्तान और चीन दोनों को परेशान कर रही है। अब भारत के साथ युद्ध के शुरू करने से पहले इन दोनों देशों को सौ दफे सोचना पड़ेगा। एस-400 और राफेल से भारत पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को उसी की जमीन पर पर मार गिराएगा। इसके लिए राफेल को पाकिस्तान की वायु सीमा में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। धनोआ का कहना है कि भारत के पास यदि राफेल होता तो पाकिस्तानी वायु सेना 27 फरवरी का दुस्साहस नहीं की होती।