- ग्वालियर जेल में 15 साल से बंद था पाकिस्तानी जासूस
- माधोसिंह के नाम पर भारत में रह रहा था
- फर्जी वोटर कॉर्ड, सिम कॉर्ड और अन्य दस्तावेजों की बरामदगी हुई थी।
पाकिस्तान के लिए जासूसी करते हुए ग्वालियर से पकड़ा गया जासूस अब्बास अली खान पन्द्रह साल बाद पाकिस्तान जाएगा। ग्वालियर पुलिस गुरुवार को उसे अटारी बॉर्डर के लिए लेकर रवाना हुई। भारी सुरक्षा के बीच उसे अटारी बॉर्डर ले जाया जा रहा है।अटारी बॉर्डर पर ग्वालियर पुलिस वहां के सुरक्षा प्रमुख के सुपुर्द करेगी, इसके बाद उसे पाकिस्तान भेजा जाएगा।
जासूस को 28 अगस्त तक पाकिस्तान को सौंपना है
शनिवार यानी 28 अगस्त तक उसे पाकिस्तान भेजा जाना है।13 मार्च 2006 को इंदरगंज पुलिस ने अब्बास अली खान निवासी रहीमयार को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में नई सड़क से पकड़ा था। वह यहां माधोसिंह निवासी बुलंदशहर बनकर रह रहा था। उसके पास से सैन्य ठिकानों के नक्शे, फर्जी वोटर कार्ड, सिम कार्ड सहित 58 दस्तावेज बरामद हुए थे।
2006 में हुई थी गिरफ्तारी
ग्वालियर के एसपी अमित सांगी ने बताया कि पाकिस्तानी जासूस की गिरफ्तारी साल 2006 में हुई थी और उसे ग्वालियर सेंट्रल जेल में रखा गया। उसके साख एक और शख्स है जो बांग्लादेश का रहने वाला है। पाकिस्तानी जासूस के संबंध में गृहमंत्रालय से एक पत्र प्राप्त हुआ था जिसमें उसे 28 अगस्त तक पाकिस्ता को सौंपना है, लिहाज बाकायदा सुरक्षा में ग्वालियर पुलिस उसे लेकर अटारी के लिए निकल पड़ी है और उसे भारत पाकिस्तान बॉर्डर पर सौंप दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि आरोपी के पास कई तरह से संवेदनशील दस्तावेज बरामद किए गए थे।