नई दिल्ली: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पालघर मॉब लिंचिंग मामले को सांप्रदायिक रंग देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है। राज्य सरकार पहले ही 16 अप्रैल को हुई घटना की उच्च-स्तरीय जांच का आदेश दे चुकी है। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने के खिलाफ चेतावनी दी थी।
पालघर घटना पर सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा, 'हमने 2 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया है और मामले की जांच के लिए एडीजी सीआईडी क्राइम अतुलचंद्र कुलकर्णी को नियुक्त किया है। 100 से अधिक व्यक्तियों और 5 मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस घटना में कुछ भी सांप्रदायिक नहीं है। मैंने आज सुबह अमित शाह जी से बात की है।'
उन्होंने कहा, 'मैंने उनसे उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का आग्रह किया है, जो पालघर की घटना को सांप्रदायिक मोड़ दे रहे हैं, जो वास्तव में गलत है। मैंने उन्हें यह भी बताया कि मेरी सरकार निश्चित रूप से अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने जा रही है।' ठाकरे ने कहा कि भीड़ द्वारा मारे गए तीन लोग किसी अफवाह के शिकार हो गए और इस घटना की कोई सांप्रदायिक पृष्ठभूमि नहीं है।
अफवाह के हुए शिकार
सीएम ने कहा कि मेरी जानकारी के अनुसार, साधु गुजरात में बंद के दौरान सूरत जाने वाले रास्ते पर थे। उन्हें दादरा और नगर हवेली पुलिस ने रोक दिया और महाराष्ट्र वापस भेज दिया। वे गढ़चिंचले गांव से होकर गुजरने वाले एक आंतरिक मार्ग पर आ गए, जो पालघर जिले से 110 किलोमीटर दूर है। स्थानीय लोगों ने उन्हें रोका। उन्हें संदेह था कि ये बच्चों को चुराने वाले गिरोह के चोर हैं। भीड़ ने इनके साथ पुलिस वाहनों पर भी हमला किया था।
110 गिरफ्तार, 9 नाबालिग
उल्लेखनीय है कि यह घटना 16 अप्रैल की रात हुई थी, जब भीड़ ने चोर होने के संदेह में तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी। मृतकों में जूना अखाड़ा के दो संत भी शामिल हैं। पुलिस ने ग्रामीणों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और 110 को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से 101 को 30 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है और 9 नाबालिगों को एक किशोर आश्रय गृह में भेजा गया है। भीड़ ने 70 वर्षीय महाराज कल्पवृक्षगिरी, उनके साथी सुशील गिरी महाराज और कार चालक निलेश तेलग्ने को पीट-पीटकर मार डाला।