नई दिल्ली : यूक्रेन पर रूस के हमले से पैदा हुई स्थिति और वहां फंसे भारतीयों को वापस लाने की उठ रही मांगों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) की बैठक की अध्यक्षता की। ऐसी संभावना है कि प्रधानमंत्री मोदी वर्तमान स्थिति के मद्देनजर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बातचीत कर सकते हैं। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
इस अहम बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हुए। आधिकारिक सूत्रों की ओर से जारी एक वीडियो के मुताबिक केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और हरदीप सिंह पुरी भी इस बैठक में शामिल हुए। हालांकि गोयल और पुरी सीसीएस के सदस्य नहीं हैं।
बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पी के मिश्रा सहित कई शीर्ष स्तरीय अधिकारी भी उपस्थित थे। ज्ञात हो कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा एवं प्रतिबंधों को नजरंदाज करते हुए रूस ने गुरुवार को यूक्रेन पर आक्रमण कर दिया और उसके शहरों और सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले और गोलीबारी की। यूक्रेन सरकार के मुताबिक रूसी टैंक और सैनिक सीमा पर घूम रहे हैं। यूक्रेन ने रूस पर ''पूर्ण युद्ध'' छेड़ने का भी आरोप लगाया।
यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई की घोषणा के साथ ही पुतिन ने अन्य देशों को चेतावनी भी दी कि रूसी कार्रवाई में किसी प्रकार के हस्तक्षेप के प्रयास के ऐसे परिणाम होंगे, जो उन्होंने कभी नहीं देखे होंगे। यूक्रेन में तेज से बदलती इस स्थिति पर भारत करीब से नजर रख रहा है। सरकार की प्राथमिकता वहां फंसे भारतीयों, विशेषकर वहां पढ़ रहे छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
यूक्रेन की राजधानी कीव में भारतीय दूतावास ने यूक्रेन में सभी भारतीय नागरिकों से शांति बनाए रखने और सुरक्षित रहने की सलाह दी है। इस सिलसिले में दूतावास की ओर से आज भी एक परामर्श जारी किया गया है। महाराष्ट्र, केरल, हरियाणा, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक और उत्तराखंड सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और विभिन्न राजनीतिक दलों ने सरकार से यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।