- कोरोना वैक्सीन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिलाधिकारियों से वर्चुअल बातचीत की
- प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि कोरोना की एक भी वैक्सीन बर्बाद न होने पाए
- बच्चों के कोरोना संक्रमण से जुड़े आंकड़े एकत्र करने के लिए प्रधानमंत्री ने कहा
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जिलाधिकारियों से कोरोना से संक्रमित बच्चों का आंकड़ा जुटाने और वैक्सीन की बर्बादी न हो इसे सुनिश्चित करने के लिए कहा। जिलाधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक में पीएम ने कहा कि 'टीका की एक खुराक की बर्बादी का मतलब किसी एक व्यक्ति को सुरक्षा कवच से वंचित कर देना है।' कोरोना वायरस को 'धूर्त' और 'बहुरुपिया' बताते हुए प्रधानमंत्री ने युवाओं और बच्चों के सामने उपस्थित खतरों से अधिकारियों को अवगत कराया।
बच्चों के संक्रमण से जुड़े आंकड़े जुटाएं-पीएम
पीएम ने कहा, 'कोरोना वायरस के बार-बार अपना रूप बदलने से युवाओं और बच्चों के सामने खतरा बना हुआ है। हमें अब ज्यादा तैयार रहना होगा।' उन्होंने जिलाधिकारियों से अपने जिलों में युवाओं और बच्चों के संक्रमण से जुड़े आंकड़े जुटाने के लिए कहा। कोरोना वैक्सीन की बर्बादी पर प्रधानमंत्री ने कहा, 'टीके की बर्बादी की एक मसला है। आप तक जब वैक्सीन पहुंचे तो आप यह सुनिश्चित करें कि एक भी डोज बर्बाद न हो। आप शहरों एवं ग्रामीण इलाकों में इसकी निगरानी करें। वैक्सीन की बर्बादी रोकना अहम है।'
'वायरस के बदलते रूप के देखते हुए तैयारी करनी है'
उन्होंने आगे कहा, 'कोरोना वायरस अदृश्य है और यह अपने रूप को लगातार बदल रहा है। इसलिए इससे निपटने की हमारी रणनीति उसी की तरह होनी चाहिए। हमें अपनी तैयारी उसके बदलते रूप को देखते हुए करनी है। वायरस ने हमारे कार्य को और चुनौतीपूर्ण बना दिया है। नई चुनौतियों के बीच हमें नई रणनीति बनानी है और हल ढूंढना है। कोरोना संकट से निपटने के लिए हमें स्थानीय अनुभवों का इस्तेमाल करते हुए एकजुट होकर एक देश के रूप में काम करना है।'
प्रत्येक जिले की अपनी अलग चुनौतियां-पीएम
मंगलवार को पीएम ने जिले के कुछ अधिकारियों के साथ वर्चुअल बातचीत की। पीएम ने अधिकारियों से पहले से ज्यादा सतर्क रहने के लिए कहा। अलग-अलग जिलों के अधिकारियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'प्रत्येक जिले की अपनी अलग चुनौतियां हैं। हमारा उद्देश्य इस महामारी को हराने का होना चाहिए। इस लड़ाई में आप सभी की अहम भूमिका है। एक तरीके से आप लोग फील्ड कमांडर हैं। टेस्टिंग की संख्या बढ़ाकर, केंटेनमेंट जोन का निर्माण कर और लोगों के साथ सही सूचनाएं साझा कर इस महामारी को हराया जा सकता है। साथ ही इलाकों में मेडिकल उपकरणों एवं दवाओं की जमाखोरी पर रोक लगाने की जरूरत है।'