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Ravidas Jayanti: करोल बाग के रविदास धाम मंदिर में PM मोदी का भजन-कीर्तन, खुद बजाई करताल Video

Updated Feb 16, 2022 | 10:38 IST

PM Modi at Ravidas Temple : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार सुबह दिल्ली के करोलबाग स्थित रविदास मंदिर पहुंचे और जन-जन के कल्याण के लिए प्रार्थना की। पीएम ने रविदास मंदिर में मत्था भी टेका।  

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दिल्ली के रविदास मंदिर में करताल बजाते पीएम मोदी।
मुख्य बातें
  • दिल्ली के संत रविदास मंदिर में भक्तों के साथ बैठकर पीएम मोदी ने भजन-कीर्तन किया
  • मंदिर में पीएम मोदी ने मत्था टेका और भक्ति में लीन हुए, भक्तों के बीच पहुंचे और कीर्तन किया
  • जमीन पर बैठकर भक्तों के साथ करताल बजाई, मंदिर का विकास करने का वादा किया

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को सुबह करोल बाग स्थित श्री गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर पहुंचे और वहां शबद-कीर्तन में शामिल हुए। पीएम वहां श्रद्धालुओं की संगत में बैठे और खुद करताल बजाई। इस दौरान प्रधानमंत्री भक्ति से सराबोर दिखे। पीएम ने मंगलवार को बताया था कि वह संत रविदास जयंती के दिन बुधवार सुबह दिल्ली के करोलबाग स्थित रविदास मंदिर पहुंचेंगे और जन-जन के कल्याण के लिए प्रार्थना करेंगे। पीएम ने रविदास मंदिर में मत्था टेका।  

उधर, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी के रविदास मंदिर में मत्था ठेका है। मंदिर में सीएम योगी ने पूजा-अर्चना की है। संगत में पीएम मोदी को अपने बीच पाकर महिला श्रद्धालु काफी खुश हुईं। श्रद्धालुओं ने कहा कि इससे मंदिर की ख्याति और बढ़ी है। पीएम के यहां पहुंचने पर मंदिर के प्रबंधकों ने संत रविवाद की मूर्ति देकर उन्हें सम्मानित किया। 

कौन थे संत रविदास
संत रविदास की गिनती 15वीं सदी के महान संतों में होती है। वह मूल रूप से कवि और समाज सुधारक रहे हैं। हिंदू एवं पंजाबी समाज में इन्हें ईश्वर का दर्जा प्राप्त है। संत रविदास ने छूआछूत का विरोध करते हुए संत कबीरदास की तरह समाज की कुरीतियों पर प्रहार किया। रविदास जीवन में कर्म को महत्वपूर्ण मानते थे। एक समतामूलक समाज के लिए उन्होंने सामाजिक एवं आध्यात्मिक संदेश दिया और लोगों की सच्ची राह पर चलना सिखाया।    

मुझे यहां पहले भी मत्‍था टेकने का सौभाग्य मिला-पीएम
मंगलवार को अपने ट्वीट में कहा, 'कल महान संत गुरु रविदास जी की जयंती है। उन्होंने समाज से जातिवाद और छुआछूत जैसी कुरीतियों को खत्म करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। वह आज भी हम सभी को प्रेरणा दे रहे हैं। इस अवसर पर मुझे संत रविदास जी की पवित्र स्थली को लेकर कुछ बातें याद आ रही हैं। साल 2016 और 2019 में मुझे यहां मत्‍था टेकने और लंगर छकने का सौभाग्य मिला था। एक सांसद होने के नाते मैंने ये तय कर लिया था कि इस तीर्थस्थल के विकास कार्यों में कोई कमी नहीं होने दी जाएगी।'

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