- असम में शहरों, कस्बों और गांवों के नाम बदले जाने के लिए असम सरकार ने मांगे सुझाव
- असम सरकार ने पोर्टल लांच करने का किया फैसला
- 'जो नाम सभ्यता और परंपरा के खिलाफ उसे बदलना जरूरी'
नाम में बहुत कुछ रखा है, जी हां नाम में बहुत कुछ होता है, नाम यदि बेमान का हो तो हंगामा हो जाता है। नाम पर और नाम के लिए सियासत होती है। सामान्य जिंदगी या सियासत में नाम पर धब्बा लग जाए तो आगे की राह मुश्किल हो जाती है। यदि विरासत में दागदार नाम मिला हो तो वर्तमान में उस पर भी सियासत होती है। दरअसल असम के सीएम हिमंता बिश्वा सरमा ने बयान दिया है कि नाम में बहुत कुछ रखा है।
तो बदले जाएंगे शहरों, कस्बों और गांवों के नाम
असम के सीएम हिमंत बिश्वा सरमा का कहना है कि राज्य सरकार शहरों, कस्बों और गांवों के नाम बदलने के लिए सुझाव आमंत्रित करने के लिए एक पोर्टल लॉन्च करेगी "जो हमारी सभ्यता, संस्कृति के विपरीत और किसी भी जाति या समुदाय के लिए अपमानजनक है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से नामों में बदलाव किए गए उसके पीछे मकसद था। भारतीय सभ्यता और संस्कृति पर सीधे तौर पर हमला किया गया। लेकिन हमें सुधारात्मक उपायों का इस्तेमाल करना होगा।
असम सरकार लांच करेगी पोर्टल
उन्होंने कहा कि किसी भी शहर, कस्बा या गांव की पहचान उसकी संस्कृति, परंपरा और सभ्यता से होनी चाहिये।असम सरकार लोगों से इस संबंध में सुझाव लेने के लिए पोर्टल लांच करेगी। हम उन सभी नामों में बदलाव करेंगे जो हमारी सभ्यता, संस्कृति के खिलाफ अपमानजनक है या किसी भी जाति या समाज की भावना को आहत करते हैं।