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झारखंड रोपवे हादसा: बचाव कार्यों में शामिल सेना-NDRF-ITBP के जवानों से आज बातचीत करेंगे PM मोदी

Updated Apr 13, 2022 | 17:22 IST

झारखंड के देवघर में त्रिकुट पर्वत पर पर्यटकों के लिए बने रोपवे की केबल कारों में फंसे 48 लोगों में से 46 लोगों बचाने वाले वायु सेना, सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ के जवानों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात को 8 बजे बातचीत करेंगे।

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नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात को 8 बजे देवघर (झारखंड) में भारतीय वायु सेना, भारतीय सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, स्थानीय प्रशासन और नागरिक समाज के कर्मियों के साथ बातचीत करेंगे, जो बचाव कार्यों में शामिल थे। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने ये जानकारी दी है। 

झारखंड के देवघर में त्रिकुट पर्वत पर पर्यटकों के लिए बने रोपवे की केबल कारों में दस अप्रैल की शाम हुई टक्कर के बाद 1500 से 2000 फीट की उंचाई पर 25 केबल कारों में फंसे 48 लोगों में से 46 लोगों को लगभग 46 घंटे के अथक प्रयास के बाद वायुसेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और सेना के जवानों ने एमआई 17 हेलीकॉप्टरों की मदद से बचा लिया जबकि तीन की मौत हो गई एवं 12 अन्य घायल हो गए। दो की मौत हेलीकॉप्टर से बचाये जाने के दौरान नीचे गिर जाने से हुई।

नियमों के विरुद्ध सभी 25 केबल कारों को चला दिया

देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के अनुसार रविवार को शाम लगभग चार बजे इस रोपवे पर निजी ऑपरेटर ने भीड़ को देखते हुए तय नियमों के विरुद्ध सभी 25 केबल कारों को चला दिया जिससे केबल टूटने से कई केबल कारें आपस में टकरा गयीं। उनके अनुसार इस दुर्घटना में एक केबल कार नीचे गिर गयी जिससे एक महिला पर्यटक की मौत हो गयी जबकि 12 अन्य घायल हो गए थे। देवघर रोप-वे दुर्घटना की घटना का झारखंड हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले की जांच के आदेश दिए हैं और सरकार से इस मामले के सभी पहलुओं पर रिपोर्ट तलब की है। झारखंड उच्च न्यायालय इस मामले में 26 अप्रैल को सुनवाई करेगा।

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देवघर प्रशासन के अनुसार रविवार को इस दुर्घटना के बाद अंधेरा हो जाने की वजह से राहत एवं बचाव कार्य शुरू नहीं हो पाया था। यद्यपि केंद्र सरकार के निर्देश पर सेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के जवान मौके पर पहुंच गए थे। त्रिकुट पहाड़ी पर बने इस रोपवे के अधिक ऊंचाई और दुर्गम पहाड़ी में होने की वजह से राहत एवं बचाव कार्य में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वायु सेना, सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा बचाव अभियान चलाया गया।

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