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Mumbai: आतंकी याकूब मेमन की क्रब सजावट के साथ 'मजार' में बदली, BJP बोली- ये सब उद्धव सरकार में हुआ

Updated Sep 08, 2022 | 08:26 IST

Yakub Memon Grave: महाराष्ट्र में सरकार बदलने के बाद भी जंग नहीं थम रही है। फिलहाल जो लड़ाई शुरू हुई है उसकी वजह है याकूब मेमन की कब्र जिस पर टाइल्स लगाए गए हैं।

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याकूब मेमन की कब्र को मजार उद्धव सरकार ने बनाया: BJP (Photo- Social Media)
मुख्य बातें
  • आतंकी याकूब मेमन की कब्र के सम्मान पर सियासी घमासान
  • याकूब मेमन की कब्र को मजार उद्धव सरकार ने बनाया: BJP
  • मुंबई बम ब्लास्ट का प्रमुख आरोपी रहा था याकूब मेनन

Yakub Memon Grave: 1993 में मुंबई बम ब्लास्ट के आतंकी दोषी याकूब मेमन को जब फांसी दी गई थी तो उसके बाद मेनन का शव दक्षिण मुंबई के एक बड़े कब्रस्तान में दफनाया गया था। हालांकि अब एक चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है जिसमें दिख रहा है कि याकूब मेनन की कब्र पर एलईडी लाइटिंग और मार्बल टाइलें लगाई गई हैं। कब्रिस्तान से एक वीडियो सामने आया है और इसमें दिख रहा है। इसकी तस्वीर आते ही राजनीतिक बयानबाजी भी शुरु हो गई है। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि उद्धव ठाकरे के सीएम रहते हुए मेनन की कब्र मजार में तब्दील हो गई। बीजेपी नेता राम कदम ने इसे लेकर पूर्ववर्ती महाविकास अघाड़ी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इसके लिए उद्धव ठाकरे, शरद पवार और राहुल गांधी को मुम्बई की जनता से माफी मांगनी चाहिए।

याकूब ने दहला दिया था मुंबई को

 जिस कब्र पर फूल चढ़ा है वो कब्र उस शख्स की है जिसने मुंबई को दहलाया था और मायानगरी को खून से रंग दिया था। ये कब्र मुंबई ब्लास्ट के मुजरिम याकूब मेमन का है जिसे 2015 में फांसी दी गई थी। अब फांसी के सात साल बाद उसकी कब्र को जिस तरह से सम्मान दिया जा रहा है उसी बात पर घमासान छिड़ा है। बीजेपी की ओर से आरोप लगाया जा रहा है कि उद्धव ठाकरे की सरकार में आतंकी की कब्र का जीर्णोद्धार किया गया। एक आतंकी की कब्र को मजार में बदल दिया गया, मार्बल्स लगा दिए गए, लाइटिंग्स और सजावट की गई है। बता दें के ये उसी याकूब मेमन की कब्र है जो 1993 में 257 नागरिक मारने और 713 लोगों को घायल करने का दोषी है। याकूब मेमन पूरे देश का मुजरिम है।

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उठ रहे हैं सवाल

कब्रिस्तान में बिजली कनेक्शन के माध्यम से कब्र पर लाईटें लगाई हैं। इतना ही नहीं, यह भी देखा जाता है कि इस जगह की रखवाली करने के लिए कुछ लोग हैं। जिस स्थान पर याकूब मेमन के शरीर को दफनाया गया था वह वक्फ बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में आता है। कब्रिस्तानों में दफन स्थलों की खुदाई 18 महीने के भीतर की जाती है। हालांकि पांच साल बाद भी यह सवाल उठ रहा है कि याकूब मेमन की कब्र क्यों नहीं खोदी गई। क्या न्यासियों ने उस जमीन को बेच दिया है जहां कब्र है? कौन आतंकी याकूब की कब्र पर इतना खर्च कर रहा है और किसलिए? क्या उनकी कब्र को मजार बनाने की कोशिश की जा रही है? ऐसे कई सवाल उठाए जा रहे हैं।

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