चंडीगढ़ : निजीकरण के खिलाफ बिजली विभाग के कर्मचारियों के तीन दिनों की हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल की वजह से बुधवार सुबह भी चंडीगढ़ के कुछ हिस्सों में बिजली गुल है। जिसकी वजह से कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई। बिजली आपूर्ति बाधित रहने से स्थानीय लोगो परेशानी का सामना कर रहे हैं। लोगों ने नगर प्रशासन पर मूकदर्शक बने रहने का आरोप लगाया है।
एक गृहिणी कमला देवी ने कहा कि बिना बिजली के बहुत समय बीत चुका है, कोई भी हमारी मदद के लिए नहीं आ रहा है, अन्यथा वे चुनाव के दौरान घर-घर आते हैं। यह पहली बार है जब चंडीगढ़ में बिजली की इतनी कमी हुई है।
एक गृहिणी अनीता ने कहा कि बच्चे ऑनलाइन क्लास नहीं ले सकते क्योंकि फोन डिस्चार्ज हो जाते हैं। बुजुर्गों को रात में परेशानी होती है, हम रात का खाना भी नहीं बना सकते हैं, स्ट्रीट लाइट नहीं जलाते हैं। सरकार को इसका समाधान खोजना चाहिए।
पंजाब के आनंदपुर साहिब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए कहा कि चंडीगढ़ में अव्यवस्था एवं अराजकता जैसी स्थिति है और सभी आवश्यक सेवाएं ठप्प हो गई हैं।
कांग्रेस नेता ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि प्रिय अमित शाह जी, चंडीगढ़ में 36 घंटे से बिजली नहीं है। अव्यवस्था एवं अराजकता जैसी स्थिति है। चंडीगढ़ एक केंद्र शासित प्रदेश है और यहां सभी आवश्यक सेवाएं ठप्प हैं। तिवारी ने केंद्रीय गृह मंत्री ने इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह करते हुए कहा कि चंडीगढ़ प्रशासन स्थिति का समाधान करने में विफल रहा है।
चंडीगढ़ प्रशासन ने मंगलवार शाम आवश्यक सेवाएं अधिनियम (एस्मा) लागू कर 6 महीने के लिए बिजली विभाग की हड़ताल पर प्रतिबंध लगा दिया। हालांकि, ऐसी खबरें भी आर रही हैं कि बिजली आपूर्ति कुछ स्थानों पर बहाल कर दी गई है।