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राष्ट्रपति चुनाव में NDA कैंडिडेट को विपक्षियों का साथः बोले राजा भैया- PM को धन्यवाद, शिवपाल ने कहा- SP ने न किया फोन...जो मांगेगा उसे दूंगा वोट

अभिषेक गुप्ता | Principal Correspondent
Updated Jul 09, 2022 | 12:25 IST

Presidential Election में NDA की कैंडिडेट द्रौपदी मुर्मू अगर जीत हासिल कर लेती हैं, तब वह देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
द्रौपदी मुर्मू को एनडीए ने राष्ट्रपति चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया है।
मुख्य बातें
  • झारखंड की पूर्व राज्यपाल हैं द्रौपदी मुर्मू
  • 64 वर्षीय नेत्री ओडिशा से रखती हैं ताल्लुक
  • आदिवासी जातीय समूह संथाल से है संबंध

Presidential Election: राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठजोड़ एनडीए के कैंडिडेट को विपक्ष के कई नेताओं का साथ मिल गया है। द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने के लिए जनसत्ता दल के चीफ रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तारीफ की है। उन्होंने कहा है कि यही वजह है कि जो पार्टियां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ नहीं हैं, वह भी उसका समर्थन कर रही हैं। 

ये बातें उन्होंने शुक्रवार (आठ जुलाई, 2022) रात समाचार एजेंसी एएनआई से कहीं। उन्होंने बताया, "द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाना अहम बात है। मैं इसके लिए पीएम को धन्यवाद करता हूं। इसी वजह से भाजपा के साथी दल और जो दल साथ नहीं हैं वह समर्थन कर रहे हैं। जनसत्ता दल मुर्मू का समर्थन करेगी।"

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इस बीच, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (पीएसपी) के मुखिया ने कहा, "मैं पहले ही कह चुका हूं कि जो वोट मांगेगा उसे दूंगा। न तो सपा ने मुझे फोन किया, न ही मेरा वोट मांगा। सीएम योगी ने कल मुझे आमंत्रित किया, जहां मैंने एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें वोट देने का फैसला किया।"

सिंह और यादव के ये बयान ऐसे वक्त पर आया, जब एनडीए प्रत्याशी मुर्मू को विपक्ष का साथ मिला है। राजा भैया ही नहीं बल्कि सपा नेता अखिलेश यादव के चाचा व पीएसपी नेता शिवपाल यादव और सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ने भी उन्हें जिताने का वादा किया है। दरअसल, शुक्रवार (आठ जुलाई, 2022) को मुर्मू यूपी की राजधानी लखनऊ में थीं, जहां उनके सम्मान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास पर रात्रि भोज आयोजित किया गया था। 

डिनर पार्टी में न केवल विपक्ष के कई दिग्गज नेता शरीक हुए, जिनमें राजा भैया, शिवपाल, राजभर के अलावा मायावती के नेतृत्व वाली बसपा के विधायक उमाशंकर सिंह भी मौजूद रहे। डाइनिंग टेबल पर विरोधियों के एक साथ आने के बाद सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो चली है और राजनीति को गहराई से समझने वाले इसे विपक्षी कैंडिडेट यशवंत सिन्हा के साथ अखिलेश के लिए बड़ा झटका समझ रहे हैं। 

राजग के मंत्रियों और विधायकों के साथ इन विधायकों की उपस्थिति खासा मायने रखती है, क्योंकि अखिलेश के नेतृत्व वाला विपक्षी खेमा राष्ट्रपति चुनाव में यशवंत सिन्हा का समर्थन कर रहा है। अखिलेश ने सिन्‍हा के साथ गुरुवार को की प्रेस वार्ता में राजभर को नहीं बुलाया था। राजभर ने शुक्रवार को मऊ में बैठक की और कहा कि कि वह अपने कार्यकर्ताओं से विमर्श कर राष्ट्रपति चुनाव के संदर्भ में 12 जुलाई को अपने पत्ते खोलेंगे।

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