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Pulwama Attack: पुलवामा हमले की तीसरी बरसी, भारत ने एयर स्ट्राइक से लिया 40 जवानों की शहादत का बदला 

Updated Feb 14, 2022 | 07:23 IST

Pulwama Attack : CRPF जवानों के इस काफिले शाम से पहले श्रीनगर पहुंचना था लेकिन यह काफिला जब रास्ते में था तभी विस्फोटकों से लदी एक कार काफिले में शामिल एक वाहन में जोरदार टक्कर मारी। टक्कर लगने के बाद कार में जोरदार धमाका हुआ

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
सीआरपीएफ के काफिले पर 14 फरवरी 2019 को हुआ भीषण आतंकवादी हमला। -फाइल पिक्चर
मुख्य बातें
  • 14 फरवरी 2019 को जम्मू से श्रीनगर जा रहा था सीआरपीएफ जवानों का काफिला
  • इस काफिले में करीब 78 वाहन शामिल थे, राजमार्ग पर विस्फोटकों से लदी कार टकराई
  • इस आतंकवादी हमले का बदला भारत ने लिया, बालाकोट में IAF ने की एयर स्ट्राइक

Pulwama Attack : आज से ठीक तीन साल पहले पुलवामा में CRPF के काफिले पर भीषण आतंकी हमला (Terrorist Attack) हुआ था। इस आत्मघाती आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish  E Mohammad) ने ली। इसका बदला भारत ने उसी महीने 26 फरवरी को लिया। भारतीय वायु सेना (IAF) ने बालाकोट (Balakot) स्थित जैश के आतंकी प्रशिक्षण केंद्र पर एयर स्ट्राइक (Air Strike) किया। बताया जाता हैकि इस एयर स्ट्राइक में 350 से ज्यादा आतंकी मारे गए। मारे जाने वालों में आतंकवादी, उनके प्रशिक्षक एवं टॉप कमांडर शामिल थे। हमले की बरसी पर आज वीर जवानों की शहादत फिर याद आ रही है।  

14 फरवरी 2019 को क्या हुआ था
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों के काफिले को एक जगह से दूसरे स्थान जाना नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है। हमेशा की तरह इस दिन भी सीआरपीएफ जवानों का एक बड़ा काफिला जम्मू से श्रीनगर जा रहा था। इस काफिले में 78 गाड़ियां शामिल थीं और इन वाहनों में सीआरपीएफ के करीब 2,500 जवान सवार थे। यह काफिला एनएच-44 से गुजरने वाला था लेकिन यह राजमार्ग दो दो दिनों तक बंद रहा। हाई-वे के बंद होने की वजह से हमले वाले दिन काफिले में बड़ी संख्या में जवान यात्रा कर रहे थे।

जवानों को शाम तक श्रीनगर पहुंचना था
सीआरपीएफ जवानों के इस काफिले शाम से पहले श्रीनगर पहुंचना था लेकिन यह काफिला जब रास्ते में था तभी विस्फोटकों से लदी एक कार काफिले में शामिल एक वाहन में जोरदार टक्कर मारी। टक्कर लगने के बाद कार में जोरदार धमाका हुआ जिसे कई किलोमीटर दूर तक सूना गया। विस्फोट में दोनों वाहनों के परखच्चे उड़ गए। यह विस्फोट इतना भीषण था कि 40 जवान शहीद हो गए और कई घायल हुए। भारतीय सुरक्षाबलों पर इस भीषण हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली। 

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आतंकी डार ने अपनी कार वाहन से टकराई
विस्फोटकों से लदी कार चलाने वाले आतंकी की पहचान आदिल अहमद डार के रूप में हुई। 22 वर्षीय डार ने जैश की साजिश एवं इशारे पर इतने भयावह आतंकी हमले को अंजाम दिया। इस हमले में उसकी भी मौत हुई। बताया जाता है कि हमले से पहले सुरक्षाबलों ने उसे छह बार गिरफ्तार किया लेकिन उसे हर बार छोड़ दिया गया। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और उसके आतंकी संगठन को सबक सिखाने के लिए बड़ा हमला किया। 

मिराज 2000 ने बालाकोट पर बरसाए बम
आईएएफ के मिराज 2000 विमानों ने पाकिस्तान के अंदर जाकर बालाकोट में सफल एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया। भारत के इस जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान को बड़ा आतंकवादी हमला कराने की हिम्मत नहीं हुई। पाकिस्तान को साफ संकेत मिल गया कि उसकी ओर से यदि हमला हुआ तो भारतीय सेना चुप नहीं बैठेगी वह पलटवार जरूर करेगी। बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद भारत का एक अलग रूप दुनिया के सामने नजर आया। जिस देश को सॉफ्ट माना जाता था अब वो सॉफ्ट नहीं बल्कि अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए बिना किसी दबाव में फैसला लेने वाला देश बन गया।

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