कतर ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गई टिप्पणियों पर भारतीय राजदूत को समन जारी किया है। इसके जवाब में कतर में भारतीय राजदूत दीपक मित्तल ने कहा कि ट्वीट फ्रिंज तत्वों के विचार हैं। कतर के विदेश मामलों के मंत्रालय ने भारतीय राजदूत को तलब किया और उन्हें एक आधिकारिक नोट दिया कि कतर ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ भारत में सत्तारूढ़ दल के एक नेता द्वारा की गई टिप्पणी को पूरी तरह से अस्वीकृत किया और इसकी निंदा की।
नोट में संकेत दिया गया कि दुनिया भर में दो अरब से अधिक मुसलमान पैगंबर मोहम्मद के मार्गदर्शन का पालन करते हैं। इन अपमानजनक टिप्पणियों से धार्मिक घृणा को बढ़ावा मिलेगा।
कतर विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के संबंध में एक मीडिया प्रश्न के उत्तर में कतर में भारतीय दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि राजदूत ने विदेश कार्यालय में एक बैठक की जिसमें भारत में व्यक्तियों द्वारा धार्मिक व्यक्तित्व को बदनाम करने वाले कुछ आपत्तिजनक ट्वीट्स के संबंध में चिंता व्यक्त की गई। राजदूत ने बताया कि ट्वीट किसी भी तरह से भारत सरकार के विचारों को नहीं दर्शाते हैं। ये फ्रिंज एलिमेंट्स के विचार हैं। भारत सरकार सभी धर्मों को सर्वोच्च सम्मान देती है। अपमानजनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ पहले ही कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है।
इसके अलावा कतर ने भारत में सत्तारूढ़ दल द्वारा जारी उस बयान का स्वागत किया जिसमें पार्टी के नेताओं को उनके बयान के लिए निलंबित करने की घोषणा की। बीजेपी ने नुपुर शर्मा को निलंबित किया है, जबकि नवीन कुमार जिंदल को निष्कासित किया है।
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भारतीय राजनयिक ने आगे कहा कि निहित स्वार्थ जो भारत-कतर संबंधों के खिलाफ हैं, इन अपमानजनक टिप्पणियों का उपयोग करके लोगों को उकसा रहे हैं। हमें ऐसे शरारती तत्वों के खिलाफ मिलकर काम करना चाहिए, जिनका लक्ष्य हमारे द्विपक्षीय संबंधों की ताकत को कम करना है।
कतर के बाद कुवैत ने भी भारतीय राजदूत को तलब किया। कुवैती विदेश मंत्रालय ने कहा कि पवित्र पैगंबर के अपमानजनक बयानों के खिलाफ भारतीय राजदूत को तलब कर उन्हें विरोध का एक नोट सौंपा।