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सवाल महंगाई, जीएसटी, बेरोजगारी पर, वो फिर वही मंदिर-मस्जिद कर रहे हैं, अमित शाह के बयान पर कांग्रेस का जवाब

Updated Aug 05, 2022 | 21:41 IST

महंगाई, बेरोजगारी और जीएसटी के खिलाफ कांग्रेस के प्रदर्शन पर बीजेपी के सीनियर नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि राम मंदिर के शिलान्यास के दिन विरोध प्रदर्शन क्यों किया। यह राम मंदिर के खिलाफ प्रदर्शन था। इसका कांग्रेस ने जवाब देते हुए कहा कि सिर्फ बीमार मानसिकता के लोग ही ऐसे फर्जी तर्क दे सकते हैं। साफ है, आंदोलन से उठी आवाज सही जगह पहुंची है। 

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
कांग्रेस ने दिया अमित शाह को जवाब

नई दिल्ली: कांग्रेस ने शुक्रवार (5 अगस्त) को महंगाई, बेरोजगारी और जीएसटी के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने काले कपड़े पहन रखे थे। इस पर बीजेपी के सीनियर नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सवाल उठाते हुए कहा कि काले कपड़ों में कांग्रेस नेताओं का विरोध 2020 में आज के दिन प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राम मंदिर के शिलान्यास के खिलाफ एक मैसेज है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने खासतौर पर काले कपड़े इसलिए चुने क्योंकि 5 अगस्त को राम मंदिर समारोह की सालगिरह है, कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। कांग्रेस ने अमित शाह के सवाल का तुरंत जवाब दिया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि आज महंगाई, बेरोजगारी और जीएसटी के खिलाफ कांग्रेस के लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण प्रदर्शन को बदनाम करने एवं इससे ध्यान भटकाने का गृह मंत्री ने घृणित प्रयास किया। सिर्फ बीमार मानसिकता के लोग ही ऐसे फर्जी तर्क दे सकते हैं। साफ है, आंदोलन से उठी आवाज सही जगह पहुंची है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने ट्वीट किया कि सवाल महंगाई, जीएसटी, बेरोजगारी पर और जवाब में फिर वही मंदिर-मस्जिद। लगता है जनता के सवाल साहिब के पाठ्यक्रम से बाहर के हैं।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया कि देशभर के गरीबों और मध्य वर्ग के ऊपर पड़ रही महंगाई की मार के खिलाफ लड़ना जन अनुरागी भगवान राम का दिखाया रास्ता है। जो महंगाई बढ़ाकर दुर्बल जन को कष्ट देता है वह भगवान राम पर वार करता है। जो महंगाई के विरुद्ध आंदोलन करने वालों को मिथ्या वचन कहता है वह लोकनायक राम और भारत के जन का अपमान करता है।

भये प्रकट कृपाला दीन दयाला
कौशिल्या हितकारी
हर्षित महतारी, मुनि मन हारी 
अद्भुत रूप निहारी
करुणा सुख सागर, सब गुन आगर 
जेहि गावहिं श्रुति संता
सो मम हित लागी, जन अनुरागी
प्रकट भये श्रीकंता

गौर हो कि कांग्रेस ने महंगाई, बेरोजगारी और कई खाद्य वस्तुओं को जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के दायरे में लाए जाने के खिलाफ शुक्रवार को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन किया, जिस दौरान यहां पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा समेत उसके 60 से अधिक सांसदों तथा 300 से ज्यादा नेताओं-कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया। दिल्ली में कांग्रेस सांसदों के मार्च की अगुवाई से पहले राहुल गांधी ने महंगाई, बेरोजगारी और सामाजिक हालात को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया और दावा किया कि भारत में लोकतंत्र की मौत हो रही है तथा सिर्फ चार लोगों की तानाशाही है। कांग्रेस के प्रदर्शन में शामिल हुए नेताओं ने काले रंग के कपड़े पहन रखे थे।

दूसरी तरफ, भारतीय जनता पार्टी और गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी के नेताओं ने काले कपड़े पहनकर प्रदर्शन करने के लिए पांच अगस्त का दिन चुना क्योंकि इसी दिन राम मंदिर निर्माण का शिलान्यास हुआ था और कांग्रेस तुष्टीकाण कर रही है। राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस सांसदों ने संसद भवन से राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकाला। हालांकि, पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक दिया और हिरासत में ले लिया।

अमित शाह ने महंगाई को लेकर कांग्रेस के प्रदर्शन पर उठाए सवाल, राम मंदिर शिलान्यास के दिन को विरोध के लिए क्यों चुना?

कांग्रेस ने महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ शुक्रवार को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की थी। इसके तहत कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्यों एवं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की प्रधानमंत्री आवास का घेराव करने की योजना थी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा भी प्रधानमंत्री आवास के घेराव के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 24 अकबर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय पहुंचीं, जहां से उन्हें हिरासत में ले लिया गया। काले रंग की सलवार-कमीज और दुपट्टा पहने प्रियंका पार्टी मुख्यालय के सामने पुलिस द्वारा लगाए गए अवरोधक को लांघकर दूसरी तरफ पहुंचीं और सड़क पर धरने पर बैठ गईं। कुछ देर बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। संसद भवन से पार्टी सांसदों का मार्च शुरू होने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी इसमें थोड़ी देर के लिए शामिल हुईं।

कांग्रेस का कहना है कि हिरासत में लिए गए नेताओं को छह घंटे बाद रिहा किया गया। ज्यादातर नेताओं को पुलिस लाइन किंग्सवे कैम्प में रखा गया था। दिल्ली पुलिस ने कहा था कि महंगाई समेत अन्य मुद्दों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस के 300 से अधिक कार्यकर्ताओं और 65 सांसदों को हिरासत में लिया। बाद में इनको रिहा कर दिया गया।

देश के कई अन्य राज्यों में भी कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने महंगाई एवं बेरोजगारी के खिलाफ प्रदर्शन किया। चंडीगढ़ और कुछ अन्य शहरों में पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का उपयोग किया। दिल्ली में प्रदर्शन का नेतृत्व करने से पहले राहुल गांधी ने मीडिया से कहा कि हिंदुस्तान में लोकतंत्र की मौत हो रही है। जो इस देश ने 70 साल में बनाया, उसे आठ साल में खत्म कर दिया गया। आज देश में लोकतंत्र नहीं है। आज चार लोगों की तानाशाही है। पूरा देश इसे जानता है। उन्होंने कहा  कि हम महंगाई, बेरोजगारी, समाज में हिंसा की स्थिति का मुद्दा उठाना चाहते हैं। हमें संसद के बाहर और भीतर बोलने नहीं दिया जाता है। सरकार दो-तीन बड़े उद्योगपतियों के हित में काम कर रही है।

एक सवाल के जवाब में कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं जितनी सच्चाई बोलूंगा, उतना मेरे ऊपर आक्रमण होगा। मेरी समस्या है कि मैं सच्चाई बोलता हूं। मैं महंगाई, बेरोजगारी का मुद्दा उठाऊंगा। जो डरता है, वही धमकाता है। एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि हिटलर भी चुनाव जीत कर आया था। हिटलर चुनाव ऐसे जीतता था कि जर्मनी की सारी संस्थाएं उसके हाथ में थी। मुझे पूरा का पूरा ढांचा दे दें, फिर मैं दिखाऊंगा चुनाव कैसे जीता जाता है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया कि पिछले तीन महीनों से जब से कांग्रेस अध्यक्ष ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक ‘भारत जोड़ो’ यात्रा की घोषणा की है, धमकी-जीवी ने कांग्रेस पार्टी एवं हमारे नेताओं के खिलाफ प्रतिशोध और डर की जहरीली राजनीति तेज कर दी है। यह सिर्फ संयोग नहीं है।

उधर, गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने काले कपड़ों में विरोध के लिए आज का दिन इसलिए चुना, क्योंकि वो इसके माध्यम से संदेश देना चाहते हैं कि हम राम जन्मभूमि के शिलान्यास का विरोध करते हैं और अपनी तुष्टीकरण की नीति को आगे बढ़ाना चाहते हैं। दिल्ली पुलिस ने नयी दिल्ली जिले में निषेधाज्ञा लागू होने का हवाला देते हुए शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस को प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी। (एजेंसी इनपुट के साथ)
 

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