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राहुल का पीएम पर तंज, बोले- JEE-NEET पर चर्चा चाहते थे छात्र, मोदी कर गए 'खिलौने पर चर्चा'

Updated Aug 30, 2020 | 13:45 IST

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 'मन की बात' कार्यक्रम को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। राहुल ने कहा है कि छात्र जेईई और नीट पर चर्चा चाहते थे लेकिन पीएम खिलौनों पर चर्चा कर गए।

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'JEE-NEET पर चर्चा चाहते थे छात्र, PM कर गए खिलौने पर चर्चा'
मुख्य बातें
  • कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर फिर साधा निशाना
  • राहुल गांधी बोले- परीक्षा पर चर्चा की बजाय खिलौनों पर चर्चा कर गए पीएम
  • दरअसल पीएम मोदी ने आज मन की बात में की थी खिलौनों के निर्माण को लेकर बात

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए कई विषयों पर बात की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि यह वक्त स्थानीय खिलौनों के लिए आवाज बुलंद करने का है। प्रधानमंत्री ने स्थानीय खिलौनों की समृद्ध भारतीय परंपरा की विस्तृत चर्चा करते हुए रविवार को स्टार्ट-अप एवं नए उद्यमियों से खिलौना उद्योग से बड़े पैमाने पर जुड़ने का आह्वान किया। पीएम के इस बयान को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उन पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने कहा है कि जेईई और नीट पर चर्चा करने की बजाय पीएम ने खिलौनों पर चर्चा की।

राहुल ने किया ट्वीट
राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा, ''JEE-NEET के उम्मीदवार प्रधानमंत्री  से 'परीक्षा पर चर्चा' चर्चा चाहते थे, लेकिन पीएम ने 'खिलौने पर चर्चा' की।' इसके साथ राहुल ने हैशटैग दिया- मन की बात नहीं, स्टूटेंड्स की बात। राहुल गांधी इससे पहले भी कोरोना महामारी के दौरान जेईई और नीट की परीक्षा कराने का विरोध कर चुके हैं। सरकार के फैसले का विरोध करते हुए शुक्रवार को उन्होंने कहा था कि सरकार को सभी पक्षों से बातचीत कर सहमति बनाते हुए कोई समाधान निकालना चाहिए। 

क्या कहा था पीएम मोदी ने 

‘मन की बात’ की 68वीं कड़ी में प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व खिलौना उद्योग सात लाख करोड़ रुपये से भी अधिक का है लेकिन इसमें भारत की हिस्सेदारी बहुत कम है।
उन्होंने कहा, ‘‘देश में स्थानीय खिलौनों की बहुत समृद्ध परंपरा रही है। कई प्रतिभाशाली और कुशल कारीगर हैं जो अच्छे खिलौने बनाने में महारत रखते हैं। लेकिन आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि विश्व खिलौना उद्योग सात लाख करोड़ रुपये से भी अधिक का है, सात लाख करोड़ रुपयों का इतना बड़ा कारोबार, लेकिन भारत का हिस्सा उसमें बहुत कम है।खिलौनों के साथ हम दो चीजें कर सकते हैं। अपने गौरवशाली अतीत को अपने जीवन में फिर से उतार सकते हैं और अपने स्वर्णिम भविष्य को भी संवार सकते हैं।’

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