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Rajnath Singh in Lok Sabha: संसद से राजनाथ का चीन को कड़ा संदेश-'हम सभी परिस्थितियों से निपटने को तैयार हैं

Rajanth Singh Speech Live in Parliament on China Border row
Updated Sep 15, 2020 | 15:18 IST

Rajanth Singh speech in Lok Sabha: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चीन के साथ सीमा विवाद मसले पर संसद को संबोधित किया। पिछले कई महीने से चीन के साथ विवाद बना हुआ है। दोनों देशों की सेना आमने-सामने है।

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Rajanth Singh Speech Live in Parliament on China Border row Rajanth Singh Speech Live in Parliament on China Border row
तस्वीर साभार:&nbspPTI
चीन के साथ सीमा विवाद पर संसद में राजनाथ सिंह की स्पीच।

नई दिल्ली : चीन के साथ सीमा विवाद मसले पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद को जानकारी दी। रक्षा मंत्री ने चीन को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि हमारी सेना किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है। सीमा पर तैनात जवानों का हौसला बुलंद है और इस बारे में किसी को संदेह नहीं होना चाहिए। रक्षा मंत्री ने गत मई महीने से लद्दाख सहित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बनी स्थिति के बारे में संसद को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लद्दाख में चीन की ओर से अतिक्रमण करने की सभी कोशिशों को भारतीय जवानों ने नाकाम कर दिया। बता दें कि गत 15 जून की गलवान घाटी की हिंसा के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। कूटनीतिक एवं सैन्य स्तर की बातचीत के बावजूद अभी इस समस्या का कोई हल नहीं निकल पाया है। गत दिनों मास्को में राजनाथ सिंह की चीन के विदेश मंत्री यांग यी के साथ बैठक हुई। इस बैठक में तनाव कम करने के लिए पांच सूत्री फॉर्मूले पर सहमति बनी।

संसद में राजनाथ सिंह के भाषण का मुख्य अंश

  • भारत और चीन दोनों को यथास्थिति बनाए रखना चाहिए ताकि सीमा पर शांति और सद्भाव सुनिश्चित किया जा सके। चीन भी यही कहता है लेकिन तभी 29-30 अगस्त की रात्रि में फिर से चीन ने पैंगोंग में घुसने की कोशिश की लेकिन हमारे सैनिकों ने उसके इस प्रयास को विफल कर दिया। हमारे जवानों ने जहां शौर्य की जरूरत थी शौर्य दिखाया और जहां शांति की जरूरत थी शांति रखी। हमारे जवानों ने जहां शौर्य की जरूरत थी शौर्य दिखाया और जहां शांति की जरूरत थी शांति रखी। हमारे सैनिकों का हौसला बुलंद है, इस पर किसी को संदेह नहीं होना चाहिए। हम सभी परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार हैं।
  • अप्रैल माह से पूर्वी लद्दाख में चीन की सेना एवं हथियार में वृद्धि देखी गई। गलवान घाटी में हिंसा हुई। मई महीने में चीन ने कई जगहों पर अतिक्रमण करने की कोशिश की। हमारी सेना चीन की मंशा को समझ लिया और उसे जवाब दिया। हमने चीन को स्पष्ट कर दिया है कि एलएसी पर यथास्थिति का बदलाव किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं। गलवान में हमारी सेना ने चीन को भारी क्षति पहुंचाई।
  • मैंने भी वहां जाकर कुछ समय बिताएं हैं। मैंने उनके पराक्रम को महसूस किया है। सैनिकों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। 
  • दोनों देशों के बीच सीमा का हल अभी नहीं निकला है। चीन मानता है कि सीमा औपचारिक रूप से निर्धारित नहीं है। दोनों देश सीमा को लेकर अलग-अलग राय रखते हैं। 
  • चीन ने भारत की भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है। भारत और चीन दोनों ने औपचारिक रूप से माना है कि सीमा का प्रश्न एक जटिल मुद्दा है। दोनों पक्षों ने माना है कि द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए सीमा पर शांति होनी अनिवार्य है। 
  • शांति एवं सद्भाव कायम रखने के लिए दोनों देशों ने प्रोटोकॉल बनाए हैं।

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