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Rajasthan: अशोक गहलोत सरकार ने कन्हैयालाल के दोनों बेटों को दी सरकारी नौकरी, उदयपुर में ही मिली जॉब

Updated Jul 12, 2022 | 19:02 IST

Rajasthan: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जब उदयपुर हत्याकांड के पीड़ित के परिजनों से मिलने आए थे तो उन्होंने मृतक कन्हैयालाल के दोनों बेटों को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया था।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
गहलोत सरकार ने कन्हैयालाल के दोनों बेटों को दी सरकारी नौकरी।
मुख्य बातें
  • कन्हैयालाल के दोनों बेटों को मिली सरकारी नौकरी
  • दोनों बेटों को उदयपुर में ही मिली जॉब
  • पिछले महीने हुई थी कन्हैयालाल की हत्या

Rajasthan: राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने उदयपुर घटना में मृत कन्हैयालाल के दोनों बेटों को सरकारी नौकरी दे दी है। कार्मिक विभाग ने यश तेली को उदयपुर में कोष कार्यालय (ग्रामीण) में कनिष्ठ सहायक और तरुण कुमार तेली को भी उदयपुर में ही कोष कार्यालय ( शहर) में कनिष्ठ सहायक के पद पर नियुक्ति की है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जब उदयपुर हत्याकांड के पीड़ित के परिजनों से मिलने आए थे तो उन्होंने मृतक कन्हैयालाल के दोनों बेटों को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया था।

कन्हैयालाल के दोनों बेटों को मिली सरकारी नौकरी

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सरकारी नौकरी दिलाने में नियमों में दी गई छूट

इससे पहले बुधवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में उदयपुर घटना में मृत कन्हैयालाल के बेटों को सरकारी नौकरी दिलाने में नियमों में छूट प्रदान करने समेत कई अहम निर्णय लिए गए थे। मंत्रिमंडलीय बैठक के निर्णयों की जानकारी देते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने संवाददाताओं को बताया था कि बैठक में उदयपुर की आतंकी घटना में मृतक कन्हैयालाल तेली के बेटे यश तेली और तरुण कुमार तेली को राजकीय सेवा में नियुक्ति देने का निर्णय लिया है।

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उन्होंने बताया था कि नियुक्ति के लिए नियमों में छूट देने का निर्णय किया गया है । ये नियुक्ति राजस्थान अधीनस्थ कार्यालय लिपिकवर्गीय सेवा (संशोधन) नियम, 2008 एवं 2009 के नियम 6 ग के अंतर्गत प्रदान की जाएगी। उल्लेखनीय है कि ऐसे व्यक्ति के एक आश्रित को जिसकी वर्ष 1992 या उसके पश्चात बलवों, आतंकवादी हमलों, आंदोलनों, धरनों, प्रदर्शनों और रैलियों जैसी घटनाओं में मृत्यु हो गई हो, नौकरी दी जा सकती है। ऐसे में एक बेटे को नियमानुसार अनुकंपात्मक नियुक्ति प्रदान की जा सकती है। इस निर्णय से दूसरे आश्रित को भी नियुक्ति मिल सकेगी।


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