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Karauli Violence: मिलिए करौली हिंसा के उस सिपाही से जिसने जान पर खेल बचाई मासूमों की जिंदगी

Updated Apr 04, 2022 | 22:30 IST

Karauli Violence: राजस्थान के करौली में शनिवार को नवसंवत्सर के उपलक्ष्य में निकाली गई रैली के दौरान हुए उपद्रव की घटनाओं में लगभग 35 लोग घायल हो गए। मोबाइल इंटरनेट सेवाएं सोमवार को भी निलंबित रहीं। जिले में कर्फ्यू भी लगाया गया है।

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करौली हिंसा

राजस्थान के करौली में हुई हिंसा के बीच जांबाज सिपाही नेत्रेश शर्मा की तस्वीरें वायरल हुई हैं। नेत्रेश ने अपनी जान पर खेलकर मासूम बच्चे की जान बचाई है। टाइम्स नाउ नवभारत से बात करते हुए उन्होंने बताया कि उस दिन हिंदू नववर्ष की रैली चल रही थी। मैं 200 मीटर से आगे थे। पता चला कि कुछ उपद्रवियों ने रैली पर पथराव कर दिया। मैं पीछे आया। 2 लोगों को खून निकल रहा था, मैंने उन्हें मोटर साइकिल से अस्पताल पहुंचाया। दुकानों में आग लगी हुई थी। 2 दुकानों के बीच एक घर था, उसमें 2 महिलाएं और एक बच्चा था। वो चिल्ला रही थीं। मैं मकान में पहुंचा और महिला की गोद से बच्चे को लिया। बच्चे को लेकर तेजी से घर से निकल गया, महिलाएं भी मेरे पीछे निकल गईं।

करौली हिंसा के 13 आरोपियों को पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। कोर्ट ने 2 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है, पुलिस सभी आरोपियों से पूछताछ करेगी। 

राजस्थान के करौली का फूटा कोट मोहल्ला, शनिवार को यहां से बाइक रैली निकल रही थी तभी घरों की छतों से पत्थरबाजी हो गई और देखते ही देखते आग की लपटें उठने लगीं। करौली का एक इतिहास रहा है। हर साल इस रास्ते से जब हिंदू नववर्ष के मौके पर रैली निकलती थी तो यहां छतों से फूल बरसाए जाते थे, लेकिन इस साल पत्थरों की बारिश हो गई। इस बवाल में कई लोगों के आशियाने आग के हवाले हो गए, कई लोगों की रोजी रोटी खत्म हो गई। मोहल्ले की दर्जनभर से ज्यादा दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया। 

लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या करौली हिंसा की पटकथा पहले से लिखी गई थी? ये सवाल PFI की चिट्ठी के बाद उठ रहे हैं। PFI ये दावा कर रहा है कि इस घटना से पहले ही उन्होंने मुख्यमंत्री और पुलिस को चिट्ठी लिखकर जुलूस के दौरान हिंसा के लिए आगाह किया था। इस चिट्ठी के बाद अब कई सवाल खड़े हो गए हैं। विपक्ष में बैठी बीजेपी सीबीआई जांच के साथ साथ अशोक गहलोत के इस्तीफे की मांग भी कर रही है। एक तरफ विपक्ष अशोक गहलोत पर हमलावर है तो वहीं दूसरी तरफ अशोक गहलोत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को आड़े हाथों ले रहे हैं। सवाल तो अशोक गहलोत पर ही उठता है। हिंसा के बाद उसकी निंदा करने से तो बेहतर था कि हिंसा होने से पहले इसे रोकना। 

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करौली हिंसा के मुख्य आरोपी की पहचान हुई। पार्षद मतलूब अहमद हिंसा का मुख्य आरोपी है। पथराव का मुख्य आरोपी अहमद फरार है। पुलिस की स्पेशल टीम आरोपी की तलाश में जुटी है।

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