- पीएम मोदी ने खुद किया कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान
- तीन कानूनों के विरोध में 26 नवंबर 2020 से आंदोलन कर रहे हैं किसान
- कानूनों को वापस लेने के फैसले में देखी जा रही है सियासत
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मोदी ने आज एक बड़ा फैसला लेते हुए तीनों कृषि कानून वापस लेने का ऐलान किया। 17 सितंबर 2020 को संसद से तीनों कृषि कानूनों को पास किया गया था। इन कानूनों के विरोध में किसान 26 नवंबर 2020 से आंदोलन कर रहे हैं। गिनती करने बैठें तो 354 दिन होते हैं । उसके बाद अचानक से तीनों बिल वापसी का ऐलान हुआ। बीजेपी के नेता प्रधानमंत्री मोदी के इस फैसले को सरकार मास्टरस्ट्रोक बता रही है । गृह मंत्री अमित शाह ने तो कहा कि ये रिमार्केबल स्टैट्समैन मूव है।
प्रधानमंत्री ने तो यहां तक कहा कि उनकी सरकार ने कई बार कोशिश की लेकिन कुछ किसानों को समझा नहीं पाए। उनकी तपस्या में कमी रह गई। दूसरी तरफ विपक्ष सरकार के इस फैसले को मजबूरी बता रहा है। विपक्ष का कहना है कि चुनाव में हार के डर की वजह से मोदी सरकार ने ये फैसला लिया है। विपक्ष इसे किसानों की जीत और मोदी सरकार के अंहकार की हार बता रहा है।
12 दौर की हुई बातचीत
मोदी सरकार और किसानों के बीच 12 दौर की बातचीत हुई। सरकार बार बार यही कहती रही कि वो बातचीत के लिए तैयार है लेकिन कृषि कानून किसी भी हाल में वापस नहीं होगा। खुद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कई बार कहा कि कृषि कानून वापस नहीं होंगे लेकिन अब क्या हुआ नतीजा आपके सामने हैं।
आपको बताते हैं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कब कब कहा कि कानून वापस नहीं होंगे।
- 5 दिसंबर 2020 को कृषि मंत्री ने कहा कानून वापस नहीं सिर्फ संसोधन मंजूर लेकिन आज कानून वापस ले लिए
- 5 फरवरी 2021 को कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कृषि कानूनों में कोई खामी नहीं है संसोधन के लिए सरकार तैयार है।
- 18 जून 2021 को कृषि मंत्री ने कहा कृषि कानून वापस नहीं होंगे।
- 1 जुलाई 2021 को फिर कृषि मंत्री ने कहा कि किसी भी हाल में कानून वापस नहीं होंगे।
अब आपको ये भी बताते हैं कि 17 सितंबर 2020 को कानून पास होने के बाद कहां- कहां चुनाव हुए और उन चुनावों का नतीजा क्या हुआ।
- असम में विधानसभा चुनाव में बीजेपी बहुमत के साथ जीती।
- पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने सत्ता में वापसी की लेकिन बीजेपी 70 सीटें जीती।
- केरल में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट की सरकार बनी, वहां बीजेपी सीधी टक्कर में नहीं थी।
- पुड्चेरी में ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस की सरकार बनी तो तमिलनाडु में DMK की सरकार बनी ।
ये वो जगहें हैं जहां शायद किसान आंदोलन का प्रभाव भी नहीं था। वहीं हाल में हुए उपचुनाव में हिमाचल प्रदेश में बीजेपी को झटका लगा। हिमाचल प्रदेश की 1 लोकसभा और तीन विधानसभा सीटें बीजेपी हार गई जबकि चारों सीटें कांग्रेस जीती। बंगाल में टीएमसी का दबदबा देखने को मिला तो राजस्थान की दोनों सीटें कांग्रेस जीती। अगर टोटालिटी में देखें तो पूरे देश में 29 सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी 13 सीटें जीती। पहले उसके पास 12 ही सीट थी।