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Rashtravad : मोदी से नफरत में 'देशद्रोही' को गले लगाएंगे, BJP के खिलाफ किसी से भी समझौता ? 

Updated Jan 20, 2022 | 19:12 IST

Rashtravad : मोदी विरोध में अगर देश की छवि धूमिल हो रही है तो कुछ विपक्षी दलों को कोई फर्क नहीं पड़ता। पीएम मोदी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देश की छवि धूमिल करने की साजिश रची जा रही है।

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मोदी विरोध में देशहित से समझौता क्यों ?
मुख्य बातें
  • BJP के विरोध में सबकुछ जायज है ?
  • जो आतंकी को शहीद बताए, कांग्रेस उसे गले लगाए ?
  • वोट के लिए देशद्रोही को गले लगाएंगे ?

Rashtravad : चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक दल कुछ भी करने को तैयार हैं। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में ऐसा ही देखने को मिल रहा है। तुष्टिकरण की राजनीति हो सके। धर्म की आड़ में वोट का फायदा मिल सके। भले ही इसके लिए कोई आतंकियों को भी शहीद बताए तो वो भी मंजूर। ये सब हो रहा है मोदी-योगी के विरोध के लिए। मोदी विरोध में अगर देश की छवि धूमिल हो रही है तो कुछ विपक्षी दलों को कोई फर्क नहीं पड़ता। बकायदा देश की छवि को खराब करने के लिए विदेशों से भी कई बार साजिशें रची गई। प्रोपेगेंडा फैलाया गया।

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 'आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर' कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस  अवसर पर पीएम मोदी ने इस बात का जिक्र किया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देश की छवि धूमिल करने की साजिश रची जा रही है। पीएम मोदी ने कहा कि इसे सिर्फ राजनीति कहकर पल्ला नहीं झाड़ सकते क्योंकि सवाल देश का है। राष्ट्र का है। 

पीएम मोदी देश के खिलाफ चल रहे प्रोपेगेंडा की बात कर रहे थे। राष्ट्रनीति की बात कर रहे थे उस मंच पर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि देश में हिंसा और तनाव का माहौल है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि देश में शांति-भाईचारा हो। देश के अंदर तनाव का माहौल है। देश के अंदर हिंसा का माहौल है। सत्य अहिंसा के मार्ग से हम देश को आगे बढ़ा सकते हैं।

मतलब मोदी सरकार है तो कांग्रेस नेताओं को देश में हिंसा और तनाव का माहौल नजर आ रहा है। अशोक गहलोत कह रहे हैं कि देश में आपसी भाईचारा हो ...सत्य अहिंसा के मार्ग हो। अब गहलोत जी से सवाल है कि क्या आतंकी को शहीद कहने वालों को गले लगाकर सांप्रदायिक सौहार्द बढ़ेगा। क्या जो बाटला हाउस कांड के आतंकियों को शहीद का दर्जा देने की बात करे। उससे हाथ मिलाने से कांग्रेस का भाईचारा बढ़ेगा। कांग्रेस नेता सचिन पायलट तो एक कदम और आगे निकल गए और उन्होंने खुलेआम ऐलान कर दिया कि जो बीजेपी के खिलाफ है चाहे कोई भी है हम सबको साथ आने की जरूरत है।

तौकीर खान पर कांग्रेस का स्टैंड क्या है? हेट स्पीच के आरोपी के साथ प्रियंका गांधी की फोटो वायरल हो रही है। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि देखिए, चुनाव के समय भारतीय जनता पार्टी का जो लोग विरोध करते है, पॉलिटिकल विरोध करते हैं, उन सबको साथ में लेने की जरुरत है। हम लोग सबको साथ लेते हैं। हम लोग नहीं समझते हैं कि इसमें मजहब, धर्म दारी देखनी चाहिए। जो-जो ताकत, संगठन, नेता, कार्यकर्ता भाजपा का विरोध करता है, कानून के दायरे में रहकर, संविधान के दायरे में रहकर, पॉलिटिकल बाते करके जो लड़ना चाहते हैं, उन सबको साथ लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन व्यक्तिगत तौर पर कौन आया, कौन गया, मैं इस पर टिप्पणी नहीं करुंगा।

दरअसल कांग्रेस ने यूपी में तुष्टिकरण की राजनीति के लिए तौकीर रजा से हाथ मिला लिया है। तौकीर रजा ने अभी कुछ दिन पहले ही प्रियंका वाड्रा से मुलाकात की और फिर कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया लेकिन तौकीर रजा ने पहले हिंदुओं के खिलाफ जहर उगला और अब बाटला हाउस में मारे गए आतंकियों को शहीद बताया। 

इत्तेहाद-ए- मिल्लत काउंसिल अध्यक्ष, तौकीर रजा खान ने कहा कि मैं देखता हूं मेरे नौजवानों के दिलों में जितना गुस्सा पनप रहा है। मैं डरता हूं उस वक्त से जिस दिन मेरे नौजवान ये गुस्सा फूट पड़ा। जिस दिन मेरा नौजवान मेरे कंट्रोल से निकल गया। मुझे उस वक्त से डर लगता है। खास तौर से अपने हिंदू भाइयों से कहना चाहता हूं मुझे उस वक्त से डर लगता है जिस दिन मेरा ये नौजवान कानून अपने हाथ में ले लगा। जिस दिन ये नौजवान बेकाबू हो गया और कानून अपने हाथ में लेने पर मजबूर हो गया तो तुम्हें हिंदुस्तान में पनहा नहीं मिलेगी। 

मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि बटला हाउस एनकाउंटर की जांच करा ली होती तो जो मारे गए वो शहीद नहीं थे उन्हें शहीद का दर्जा मिलना चाहिए। इंस्पेक्टर शर्मा उस एनकाउंटर में मारे गए उनका कत्ल हुआ, उनको भी उनकी पुलिस ने मारा था। जांच नहीं कराई गई। उन्होंने कहा कि इससे पुलिस का मनोबल टूटेगा। पुलिस के मनोबल की उन्हें ज्यादा परवाह थी, हमारे मनोबल की 20 करोड़ के मुसलमानों की परवाह नहीं थी। हमारे बच्चों को आतंकी कहकर मार डाला गया। कांग्रेस के नेता तौकीर रजा का खुलकर समर्थन कर रहे हैं या फिर बोलने से बच रहे हैं लेकिन आतंकियों को शहीद बताने का विरोध खुलकर कोई नहीं कर रहा है।

ऐसे में सवाल है- 

मोदी से नफरत में 'देशद्रोही' को गले लगाएंगे? 
बीजेपी के विरोध में किसी को भी साथ लाएंगे ?
मोदी की राष्ट्र-नीति Vsविपक्ष की जीत-नीति ?
वोट के लिए देशहित से समझौता क्यों ?

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