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2013 में चीन पर किए गए ट्वीट को याद दिलाकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर बोले, हां- पीएम मोदी के साथ हैं

Updated Jul 07, 2020 | 21:54 IST

congress slams narendra modi: पीएम नरेंद्र मोदी जब 2013 में गुजरात के सीएम थे तो चीन के संबंध में एक ट्वीट किया था। अब उस ट्वीट के जरिए कांग्रेस पीएम मोदी से सवाल कर रही है।

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कांग्रेस सांसद हैं शशि थरूर
मुख्य बातें
  • 2013 के नरेंद्र मोदी के ट्वीट को कांग्रेस ने दिलाया याद और कसा तंज
  • नरेंद्र मोदी ने पूछा था कि भारतीय जमीन से सेना क्यों हट रही है
  • 2013 में पीएम मनमोहन सिंह कार्यकाल में चीन के साथ लद्दाख में हुआ था तनाव

नई दिल्ली। आज से करीब सात साल पहले 2013 में भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव पैदा हो गया था। उस वक्त केंद्र में यूपीए 2 की सरकार थी और मनमोहन सिंह पीएम थे और नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे। विपक्षी दल होने के नाते बीजेपी, कांग्रेस सरकार पर हमलावर थी और उस समय गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट किया जिसे कांग्रेस मुद्दा बना रही है। 

2013 के ट्वीट पर कांग्रेस की घेरेबंदी
कांग्रेस के दो कद्दावर नेता शशि थरूर और रणदीप सुरजेवाला ने उस ट्वीट को शेयर करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष किया। शशि थरूर ने तो यहां तक कहा कि कम से कम वो इस मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी के साथ हैं। शशि थरूर कहते हैं कि पीएम  को कम से कम इस सवाल का जवाब देना चाहिए। उससे पहले इन दोनों ने जिस ट्वीट का जिक्र किया है उसे समझना जरूरी है। नरेंद्र मोदी ने पूछा था कि यह अच्छी बात है कि चीन अपनी सेना हटा रही है। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि भारतीय जमीन से भारतीय सेना क्यों पीछे हट रही है। हम क्यों पीछे जा रहे हैं। 

रणदीप सुरदेवाला ने भी पूछा सवाल
रणदीप सुरजेवाला सवाल करते हैं कि आदरणीय प्रधान मंत्री जी,क्या आपके शब्द याद हैं?क्या आपके शब्दों के कोई मायने हैं?क्या बताएँगे की अब हमारी फ़ोर्स हमारी सरज़मीं से क्यों पीछे हट रही हैं?देश जबाब माँगता है। उन्होंने कहा कि जो लोग आज सरकार में है वो सात साल पहले कांग्रेस से सवाल पूछते थे। हमारी सरकार में तो देश की जमीन पर चीन का कब्जा नहीं हुआ। लेकिन इस सरकार में क्या कुछ हुआ है वो सबके सामने है। 

चीनी सेना हट रही है पीछे
बता दें के भारत और चीन के बीच कई स्तर की बातचीत के बाद चीनी सेना गलवान इलाके से करीब 1.5 किमी पीछे हट चुकी है और गोगरा के साथ साथ हाट स्प्रिंग इलाके से पीछे हट रही है। कमांडर स्तर की बातचीत के बाद एनएसए अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री के बीच बातचीत हुई थी जिसमें दोनों पक्षों में सहमति बनी कि मतभेद को किसी भी सूरत में विवाद में नहीं बदलने देना है। जानकार बताते हैं कि भारत ने जिस तरह से कूटनीतिक और सैन्य तरीके से घेरांबदी की उसके बाद चीन दबाव में आ गया। 

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