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SCO Summit के मंच पर 3 साल बाद PM मोदी रखेंगे कदमः पुतिन से मिलेंगे! शहबाज शरीफ-शी जिंगपिंग से भी हो सकता है सामना

अभिषेक गुप्ता | Principal Correspondent
Updated Sep 14, 2022 | 08:17 IST

Narendra Modi to meet Shehbaz Sharif​ & Vladimir Putin at SCO Summit: पीएम नरेंद्र मोदी एससीओ के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की 22वीं बैठक में हिस्सा लेने के लिए समरकंद का दौरा करेंगे। वह वहां के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव के न्यौते पर उज्बेकिस्तान के दौरे पर होंगे।

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तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइलः IANS/AP)
मुख्य बातें
  • 15 -16 सितंबर तक उज्बेकिस्तान में शिखर सम्मेलन
  • सदस्य देशों के नेता करेंगे महत्वपूर्ण वैश्विक-क्षेत्रीय मुद्दों पर मंथन
  • सम्मेलन में भारतीय PM की चीनी राष्ट्रपति से भी होगी भेंट

Narendra Modi to meet Shehbaz Sharif​ & Vladimir Putin at SCO Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन (SCO Summit) में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (Pakistan) के पीएम शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) से भेंट हो सकती है। भारतीय पीएम इस दौरान दौरान चीनी (China) राष्ट्रपति शी जिंगपिंग (Xi Jinping) और रूसी (Russia) राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) से भी मिल सकते हैं।

PM मोदी-शरीफ की होगी पहली मुलाकात
दरअसल, उज्बेकिस्तान के समरकंद में 15-16 सितंबर को एससीओ समिट होगी, जिसमें पीएम मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष का आमना-सामना होने की संभावना है। अगर ऐसा हुआ तो यह दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात होगी। 

लाहौर में नवाज से साल 2015 में हुई थी भेंट
वैसे, हिंदुस्तानी पीएम ने पाक के तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ से 25 दिसंबर, 2015 को मुलाकात की थी। वह तब अफगानिस्तान की एक दिवसीय यात्रा पूरी करने के बाद दिल्ली वापस जाते वक्त एक आश्चर्यजनक पड़ाव पर लाहौर पहुंचे थे। यह 10 से ज्यादा सालों में किसी भारतीय पीएम की ओर से पाकिस्तान की पहली यात्रा थी।

शरीफ बाकी नेताओं संग करेंगे द्विपक्षीय बैठकें
आधिकारिक सूत्रों ने समाचार एजेसियों पीटीआई और आईएएनएस को बताया कि इस बीच पीएम मोदी एससीओ के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की 22वीं बैठक में हिस्सा लेने के लिए समरकंद का दौरा करेंगे। वह वहां के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव के न्यौते पर उज्बेकिस्तान के दौरे पर होंगे। शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के अलावा पीएम शरीफ दो दिवसीय कार्यक्रम में बाकी नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।

...तो इसलिए समिट की टाइमिंग है अहम
यही नहीं, कहा जा रहा है कि पीएम मोदी का पुतिन और चिनफिंग से भी मिलना हो सकता है। रोचक बात है कि यह समिट ऐसे वक्त पर हो रही है, जब भारत और चीन के बीच सरहद को लेकर तनाव (LAC Dispute) और रूस और यूक्रेन में जंग (Russia-Ukraine War) के हालात बने हैं। 

20 साल की SCO गतिविधियों का होगा रिव्यू
इस सम्मेलन में नेता पिछले 20 साल की एससीओ गतिविधियों की समीक्षा करेंगे। साथ ही बहुपक्षीय सहयोग से जुड़े विभिन्न पहलुओं के साथ क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों (जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा तथा सतत आपूर्ति श्रृंखला आदि) पर मंथन करेंगे। सम्मेलन में एससीओ सदस्यों और पर्यवेक्षक देशों के नेताओं के साथ एससीओ संगठनों के प्रमुख और अन्य विशेष अतिथि भी होंगे।

समिट में तीन साल बाद आमने-सामने होंगे नेता 
यह समिट साल 2019 के बाद पहली बार ऑनसाइट/फिजिकली (नेता मौजूद रहेंगे) तीन साल बाद हो रही है। जून 2019 में यह सम्मेलन किर्गिस्तान के बिश्केक में हुआ था, जबकि 2020 में मास्को शिखर सम्मेलन कोविड-19 महामारी के चलते ऑनलाइन हुआ। आगे दुशांबे में 2021 शिखर सम्मेलन हाइब्रिड तरीके से किया गया। 

क्या है SCO?
एससीओ, आर्थिक और सुरक्षा मुद्दों पर ग्रुप है। साथ ही दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रीय ब्लॉक है। आठ मुल्क इसमें पूरी तरह से सदस्य के तौर पर शामिल हैं। इनमें भारत के अलावा चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और पाकिस्तान के नाम हैं। एससीओ का हेडक्वार्टर (मुख्यालय) चीन के बीजिंग में है। 

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