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Delhi में AAP सरकार लाई SOSE: जानें- Govt Schools और Private Schools से कितना अलग होगा यह स्कूल

अभिषेक गुप्ता | Principal Correspondent
Updated Aug 27, 2022 | 17:01 IST

Shaheed Bhagat Singh Armed Forces Preparatory School in Delhi: आप के अनुसार, यह स्कूल हर वर्ग के परिवारों से आने वाले युवा बहादुरों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी/नौसेना अकादमी में शामिल होने और हमारी मातृभूमि की रक्षा करने के लिए एक शानदार लॉन्च पैड मुहैया कराएगा।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को Shaheed Bhagat Ssingh Armed Forces Preparatory School का उद्घाटन किया। (फोटोः @AamAadmiParty)
मुख्य बातें
  • सीएम केजरीवाल ने किया उद्घाटन
  • नजफगढ़ इलाके में है 'आर्म्ड फोर्सेज स्कूल'
  • कार्यक्रम के दौरान सिसोदिया भी रहे

Shaheed Bhagat Singh Armed Forces Preparatory School in Delhi: देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने शनिवार (27 अगस्त, 2022) को 'आर्म्ड फोर्सेज स्कूल' का उद्घाटन किया। नजफगढ़ इलाके में बने इस स्कूल का नाम ‘शहीद भगत सिंह आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल’ है। कार्यक्रम के दौरान सीएम ने छात्रों से देश के लिए जीने-मरने की भावना को आत्मसात करने की अपील की। 

सशस्त्र बलों के एंट्रेस के हिसाब से दी जाएगी ट्रेनिंग
आप संयोजक के मुताबिक, स्कूल में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। स्टूडेंट्स को विभिन्न सशस्त्र बलों की प्रवेश परीक्षा प्रणाली के अनुसार ट्रेनिंग दी जाएगी। वह बोले, ‘‘दिल्ली में कोई सैनिक स्कूल नहीं था। हमने एक साल पहले तैयारी शुरू की थी, लेकिन यह नहीं पता था कि स्कूल एक साल में तैयार हो जाएगा। मैं दिल्ली और देश की तरफ से उन लोगों का आभार जताता हूं, जिन्होंने एक साल के भीतर इस सपने को साकार कर दिखाया।’’

पढ़ाने-सिखाने कौन आएगा?
‘आर्म्ड फोर्सेज स्कूल’ में शिक्षा और अन्य सुविधाएं मुफ्त होने की बात का जिक्र करते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा कि वह हमेशा एक ऐसी शिक्षा प्रणाली चाहते थे, जहां अमीर और गरीब एक साथ पढ़ सकें। उन्होंने आगे बताया कि सेवानिवृत्त अफसरों को यहां पढ़ने वाले छात्रों को ट्रेनिंग देने के लिए बुलाया जाएगा।

ये खास चीजें भी छात्रों के लिए होंगी
केजरीवाल ने कहा, ‘‘मैंने छात्रों के साथ बात की है। इस दौरान पाया कि उनमें से 80 से 90 प्रतिशत सरकारी, जबकि 10 से 15 फीसदी निजी स्कूलों से हैं। सशस्त्र बलों के लिए छात्रों को तैयार करने के लिए साइकोमेट्रिक टेस्ट, पर्सनैलिटी डेवपलमेंट (व्यक्तित्व विकास) कार्यशालाएं और मॉक टेस्ट आयोजित किए जाएंगे।’’ 

"जिस उम्र भगत ने दिया बलिदान, उस उम्र में युवा प्रेमिका के लिए रहते हैं परेशान"   
उन्होंने कहा कि स्कूल का नाम भगत सिंह के नाम पर रखा गया है, ताकि छात्र उनके जीवन से सीख ले सकें। बकौल केजरीवाल, ‘‘23 साल की उम्र में उन्होंने (भगत सिंह) स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया और अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। आज के युवा उस उम्र में प्रेमिका पाने को लेकर चिंतित रहते हैं। आपको उनके आदर्शों को अपनाना चाहिए और उनके जीवन से सीख लेनी चाहिए।’’ (एजेंसी इनपुट्स के साथ) 

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