- सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक
- कांग्रेस नेतृत्व में बदलाव की मांग करने वाले नेताओं पर बरसे राहुल गांधी
- राहुल के आरोपों से आहत हुए आजाद, फिर सोनिया ने फोन कर उन्हें मनाया
नई दिल्ली : सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की हुई बैठक में पार्टी में असंतोष को सामने ला दिया। बताया जा रहा है कि इस बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरोपों से राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद काफी आहत हुए और उनकी नाराजगी भी सामने आई। मीडिया रिपोर्टों में यह बात सामने आई है कि आजाद की नाराजगी दूर करने के लिए कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी सामने आए। समझा जाता है कि दोनों नेताओं ने फोन पर आजाद से बात की है।
सोनिया ने सोमवार शाम आजाद से फोन पर बात की
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक सोनिया ने सोमवार शाम फोन पर आजाद से बात की। हालांकि इस बातचीत का विवरण सामने नहीं आया है। आजाद से सोनिया गांधी की बातचीत ऐसे समय हुई है जब सीडब्ल्यूसी की बैठक में पार्टी नेतृत्व में बदलाव एवं पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग को लेकर चिट्ठी पर हस्ताक्षर करने वाले कांग्रेस के नेताओं पर राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अहमद पटेल ने निशाना साधा। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक राहुल ने बैठक में चिट्ठी पर हस्ताक्षर करने वाले नेताओं पर भाजपा के साथ 'मिलकर' काम करने का आरोप लगाया। राहुल के अलावा सीडब्ल्यूसी के अन्य नेताओं की कमोबेश यही राय है कि चिट्ठी पर हस्ताक्ष करने वाले पार्टी के नेताओं की भाजपा के साथ 'मिलीभगत' है।
पार्टी के 23 नेताओं ने लिखा पत्र
दरअसल, पार्टी नेतृत्व में बदलाव की मांग नई नहीं है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस के नेता दबी जुबान में पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाते और नेतृत्व परिवर्तन की मांग करते रहे हैं लेकिन यह मांग कभी मुखर नहीं हुई। ऐसा पहली बार हुआ है जब नेतृत्व परिवर्तन की मांग को लकर पार्टी के छोटे-बड़े नेता एकजुट हुए हैं और उन्होंने बदलाव के लिए सीधे कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष को पत्र लिखा है।
नेतृत्व के खिलाफ पहली बार मुखर हुई आवाज
जाहिर है कि कांग्रेस के इन 23 नेताओं में असंतोष का स्तर काफी बढ़ गया होगा तब जाकर उन्होंने सीधे तौर पर पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाए। पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में गांधी परिवार के काफी करीबी समझे जाने वाले गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, भूपेंदर सिंह हुड्डा और पृथ्वीराज चव्हण जैसे नेता शामिल हैं। गांधी परिवार के प्रति इन नेताओं की निष्ठा संदेह के परे रही है। अपने भरोसेंद नेताओं के 'बागी' तेवर अख्तियार करना कांग्रेस नेतृत्व को काफी नागवार गुजरा है। इससे राहुल, प्रियंका और सोनिया गांधी के भरोसेमंद सिपहसलार अहमद पटेल की नाराजगी से देखा जा सकता है।