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कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए बाध्य नहीं कर सकते,लेकिन सरकार की मौजूदा नीति अनुचित नहीं-सुप्रीम कोर्ट

Updated May 02, 2022 | 12:28 IST

SC on Covid-19 Vaccination: सरकार द्वारा चलाए जा रहे टीकाकरण कार्यक्रम पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार किसी भी व्यक्ति को टीकाकरण के लिए बाध्य नहीं कर सकती है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
कोविड-19 वैक्सीनेशन पर सरकार का अहम फैसला
मुख्य बातें
  • जब तक कोविड-19 मामलों की संख्या कम है, तब तक सार्वजनिक क्षेत्रों में वैक्सीन नही लगाने वाले लोगों पर प्रतिबंध नही लगाया जाना चाहिए
  • मौजूदा टीकाकरण नीति को अनुचित नहीं कहा जा सकता है।
  • सरकार टीका लगवाने और किसी तरह का खास दवा लेने के लिए किसी को मजबूर नहीं कर सकती है।

SC on Covid-19 Vaccination: कोविड-19 से बचाव के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे टीकाकरण कार्यक्रम पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। उसका कहना है कि सरकार किसी भी व्यक्ति को टीकाकरण के लिए बाध्य नहीं कर सकती है।वह इसके लिए  लोगों को जागरूक कर सकती  है। लेकिन इसके लिए सरकार नीति बना सकती है। जहां तक मौजूदा टीकाकरण नीति का  सवाल है तो उसे अनुचित नहीं कहा जा सकता है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि जब तक कोविड-19 मामलों की संख्या कम है, तब तक सार्वजनिक क्षेत्रों में वैक्सीन नही लगाने वाले लोगों पर प्रतिबंध नही लगाया जाना चाहिए और अगर ऐसा कोई आदेश है तो वापस लिया जाय।

कोर्ट नहीं देगा दखल

सोमवार को जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि वैक्सीन को लेकर अदालत दखल देने को इच्छुक नहीं है। विशेषज्ञों की राय पर सरकार के नीतिगत फैसले में न्यायिक समीक्षा का दायरा सीमित है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकार में लोगों के हित के लिए आम जन को जागरूक कर सकती है, बीमारी की रोकथाम के लिए प्रतिबंध लगा सकती है, लेकिन टीका लगवाने और किसी तरह का खास दवा लेने के लिए मजबूर नहीं कर सकती है।

ये डाटा पब्लिश करें सरकार

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है टीका परीक्षण आंकड़ों को अलग करने के संबंध में, व्यक्तियों की गोपनीयता के अधीन, किए गए सभी परीक्षण और बाद में आयोजित किए जाने वाले सभी परीक्षणों के आंकड़े अविलंब जनता को उपलब्ध कराए जाने चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को व्यक्तियों के निजी आंकड़ों से समझौता किए बिना सार्वजनिक रूप से सुलभ प्रणाली पर जनता और डॉक्टरों पर टीकों के प्रतिकूल प्रभावों के मामलों की रिपोर्ट प्रकाशित करने को भी कहा है।

वह वैक्सीन को लेकर प्रतिकूल घटनाओं की रिपोर्ट सार्वजनिक करें। इसके लिए आम लोगों और डॉक्टर से सार्वजनिक रूप से एक्सेस वाले सिस्टम के जरिए डाटा जुटाए जाएं। साथ ही व्यक्ति के डाटा की भी सुरक्षा की जाय। अदालत ने जैकब पुलियेल द्वारा दायर की गई याचिका पर यह फैसला सुनाया है।

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