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Teesta Setalvad को गोधरा कांड के बाद मिले थे 30 लाख, अहमद पटेल के इशारे पर रची गई थी मोदी को फंसाने की साजिश- SIT

Updated Jul 16, 2022 | 14:28 IST

Teesta Setalvad and Gujarat Riots: 2002 के गुजरात दंगों में सबूत गढ़ने की जांच कर रही एसआईटी ने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ के जरिए तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी को गलत तरीके से फंसाने की बड़ी साजिश रची गई थी।

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दंगा पीड़ितों की मदद के नाम पर तीस्ता ने लिया फंड, नहीं की मदद
मुख्य बातें
  • अहमद पटेल के कहने पर तीस्ता को दिए 30 लाख रुपये
  • दंगा पीड़ितों की मदद के नाम पर फंड, नहीं की मदद
  • फंड से तत्कालीन गुजरात सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार का प्लान

SIT on Teesta Setalvad: तीस्ता सीतलवाड़ की ज़मानत याचिका में एसआईटी की एफिडेविट में बड़ा खुलासा हुआ है। एसआईटी ने एक एफिडेविट फ़ाइल किया और कहा कि कांग्रेस नेता अहमद पटेल के पास से दो बार पैसे लिए गए हैं। जिसमें गोधरा कांड में 30 लाख रुपये मिले थे और पैसों का लेन देन सर्किट हाउस में हुआ था। जिसका ज़िक्र एफिडेविट में किया गया है। SIT ने दावा किया है की तीस्ता सीतलवाड़ को 2002 में गुजरात सरकार को अस्थिर करने के लिए कांग्रेस फंड मिला था। साथ ही एसआईटी ने दावा किया है कि तीस्ता के ज़रिए गुजरात और गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री को बदनाम कर राजनैतिक रोटियां सेकने कोशिश की गई।

मोदी को फंसाने की रची साजिश

सबूत गढ़ने के मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने शुक्रवार को शहर की एक सत्र अदालत को बताया कि सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़, पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार और पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट ने साजिश के इस मामले को अंजाम दिया था। तत्कालीन निर्वाचित गुजरात सरकार को बर्खास्त करने और अस्थिर करने और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सहित निर्दोष लोगों को गलत तरीके से फंसाने के लिए राजनीतिक उद्देश्य के साथ बड़ी साजिश की गई थी।

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अहमद पटेल के इशारे पर हुआ काम

सीतलवाड़ और श्रीकुमार द्वारा दायर जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए, एसआईटी ने दो गवाहों का हवाला देते हुए एक हलफनामा दायर किया और दावा किया कि गुजरात की छवि खराब करने की साजिश उनके द्वारा 'राज्य सभा के तत्कालीन सांसद और स्वर्गीय श्री अहमद पटेल के इशारे पर रची गई थी। जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी के सलाहकार थे।' गवाहों का हवाला देते हुए, एसआईटी ने आगे दावा किया कि सीतलवाड़ ने गोधरा ट्रेन की घटना के एक सप्ताह के भीतर राहत शिविरों का दौरा किया और राजनीतिक पदाधिकारियों के साथ बैठकें कीं।

राज्यसभा बनना था लक्ष्य

एसआईटी ने आरोप लगाया कि 2007 में, केंद्र सरकार ने सीतलवाड़ को 'दुर्भावनापूर्ण और कष्टप्रद अभियोजन के लिए' पद्म श्री से सम्मानित किया। जांच एजेंसी ने उन पर अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा हासिल करने के लिए ये प्रयास करने का आरोप लगाया है और कहा कि उनका लक्ष्य राज्यसभा सदस्य बनना था। एसआईटी ने एक गवाह का हवाला दिया, जिसने दावा किया कि सीतलवाड़ ने एक राजनीतिक नेता से सवाल किया कि फिल्म हस्तियों शबाना आज़मी और जावेद अख्तर को सांसद क्यों बनाया गया और उन पर विचार नहीं किया गया।  

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