- कोरोना के चलते समारोह में कई बदलाव किए गए हैं
- ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन कोरोना के चलते भारत नहीं आ सके
- भारत ने उन्हें इस साल मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया था
नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी ने हर चीज पर अपना असर डाला है। इस साल 26 जनवरी को होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह पर भी इसका असर देखने को मिलेगा। इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कोई भी विदेशी नेता नहीं होगा। यह पांच दशकों में पहली बार होगा जब भारत की गणतंत्र दिवस परेड में कोई मुख्य अतिथि नहीं है।
दरअसल, इस बार भारत ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया था। लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते जॉनसन भारत का दौरा नहीं कर सके। बोरिस जॉनसन ने भारत का दौरा रद्द कर दिया। ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के तेजी से फैलते खतरे के बीच वहां सख्त लॉकडाउन लागू किया गया था।
ये होंगे बदलाव
कोविड 19 के चलते इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में और भी कई बदलाव किए गए हैं। एनएसजी कमांडो इस बार एक-दूसरे से 1.5 मीटर की दूरी पर मार्च करेंगे। पहले वे राजपथ पर कंधे से कंधा मिलाकर मार्च करते थे। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार लगभग 40 प्रतिशत कमांडो परेड में भाग लेंगे।
सीटों की कमी
इस बार गणतंत्र दिवस परेड के लिए 1,15,000 की तुलना में 25,000 सीटें होंगी। वहीं 'बीटिंग द रिट्रीट' समारोह के लिए 25,000 के मुकाबले 4000 सीटें होंगी। इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड के दौरान 22 बाड़े होंगे, 2020 में 38 थे। आम जनता के लिए परेड देखने के लिए 7500 सीटें होंगी। केवल 15 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को अनुमति दी गई है और गणतंत्र दिवस परेड के लिए प्रवेश द्वार की संख्या भी 198 से बढ़ाकर 224 कर दी गई है। इस वर्ष कोई पार्क और सवारी योजना नहीं होगी और खड़े दर्शकों को अनुमति नहीं दी जाएगी।
कोरोना वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया दिखाई जाएगी
परेड के दौरान घातक कोविड-19 वायरस के खिलाफ वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया भी दिखाई जाएगी। भारत में दो स्वदेशी वैक्सीन, कोविशिल्ड और कोवैक्सीन तैयार की गई हैं। देश में बड़े पैमाने पर टीकाकरण कार्यक्रम 16 जनवरी से शुरू हो चुका है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत जैव प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से निकाली जाने वाली झांकी में दिखाया जाएगा कि कैसे भारत हर स्तर पर रणनीतिक कार्यप्रणाली और बहुप्रचारित सामूहिक व्यवहार परिवर्तन को अपनाकर कोरोनावायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हुआ है। झांकी का विषय (थीम) कोविड के खिलाफ लड़ाई में आत्मनिर्भर भारत अभियान है।