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जानिए कौन हैं सिंघु बॉर्डर पर पकड़ा गया 'शूटर', निशाने पर थे ये चार किसान नेता

Updated Jan 23, 2021 | 10:52 IST

पकड़े गए योगेश नाम के कथित शूटर ने दावा किया कि उसके निशाने पर  चार किसान नेता थे और बकायदा इनकी तस्वीर भी उसे दी गई थी।

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मुख्य बातें
  • संदिग्ध से फिलहाल हरियाणा पुलिस पूछताछ कर रही और इसकी पहचान
  • सोनीपत का रहने वाला है योगेश, लगभग 19 साल है उम्र
  • योगेश का दावा- निशाने पर थे चार किसान नेता

नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान राजधानी दिल्ली में अपनी ट्रैक्टर रैली को निकालने पर अड़े हुए हैं और इसके लिए तैयारियां भी जोर शोर से चली हुई हैं। वहीं पुलिस किसानों से लगातार आग्रह कर रही है कि वो यहां ट्रैक्टर मार्च ना निकालें। इन सबके बीच शुक्रवार रात एक ऐसी घटना घटी जिसने सबकी तरफ अपना ध्यान खींचा। दरअसल शुक्रवार रात को सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने एक ऐसे संदिग्ध युवक को  पकड़ा जो 26 जनवरी को किसान नेताओं की हत्या करने के उद्देश्य से यहां आया था। बकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसान नेताओं ने इस मीडिया के सामने पेश किया और युवक ने कबूला कि उसकी योजना 26 जनवरी को होने वाले ट्रैक्टर मार्च में चार नेताओं की हत्या करने की थी।

कौन है युवक
इसके बाद किसान नेताओं ने इस युवक को हरियाणा पुलिस के हवाले कर दिया जहां पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। युवक का नाम योगेश है जिसकी उम्र लगभग 19 साल बताई जा रही है। योगेश हरियाणा के सोनीपत का रहने वाला है। पुलिस योगेश से लगातार पूछताछ कर रही है और योगेश के दावों को सत्यापित करने में जुटी हुई है।

ये चार किसान नेता थे निशाने पर
योगेश के मोबाइल फोन से चार किसान नेताओं के फोटो मिले हैं जिनके नाम हैं- बलबीर सिंह रजेवाल, बलदेव सिंह सिरसा कुलदीप संधू और जगजीत सिंह। योगेश का दावा है कि उसने अपने नौ सहयोगियों के साथ इन चार नेताओं की हत्या की योजना तैयार की थी। पुलिस योगेश  कामोबाइल फोन और सोशल मीडिया अकाउंट भी चैक कर रही है और यह देख रही है कि वह किससे बातचीत कर रहा था और किस-किसके संपर्क में था। हरियाणा पुलिस उसके परिवार के सदस्यों से बात कर रही है और उनके दोस्तों को ट्रैक कर रही है।

योगेश के दावों पर सवाल
हालांकि, पुलिस इस बात से पूरी तरह इनकार किया है कि पुलिस बल या स्थानीय खुफिया विभाग योगेश की साजिश में शामिल था। वहीं योगेश ने सोनीपत के राई थाने के एसचओ प्रदीप का नाम लिया और कहा था कि उसके कहने पर यह साजिश रची गई है लेकिन योगेश के दावों के उलट राई थाने में पिछले सात महीने से जो एसएचओ तैनात हैं उनका नाम विवेक मलिक है। इसलिए योगेश के दावों पर सवालिया निशान लग रहे हैं।

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