- शराब घोटाला मामले में सीबीआई ने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
- ममता बनर्जी के कभी नंबर-2 रहे पार्थ चटर्जी, शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी के हिरासत में हैं।
- एनसीपी नेता नवाब मलिक और अनिल देशमुख इस हिरासत में हैं।
Opposition Leaders on ED,CBI Radar: अभी पश्चिम बंगाल में टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी का मामला थमा नहीं था, कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया एक्साइज पॉलिसी को लेकर सीबीआई के निशाने पर आ गए है। उनके खिलाफ बकायदा एफआईआर भी दर्ज कर ली गई है। और अब उन्हें गिरफ्तारी का डर सता रहा है। सिसोदिया अकेले विपक्ष के नेता नही हैं, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। यह लिस्ट लंबी है और खास बात यह है कि इस लिस्ट में ज्यातार वह नेता शामिल हैं, जो अपने राजनीतिक दल में नंबर-2 या नंबर-3 की हैसियत रखते हैं।
1.मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन (आम आदमी पार्टी)
शराब घोटाला मामले में सीबीआई ने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। एफआईआर में 15 लोगों के नाम हैं। सिसोदिया को आरोपी नंबर 1 बनाया गया है। सीबीआई ने कथित आबकारी घोटाले में अपनी एफआईआर में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत 15 आरोपियों का नाम शामिल किया। मनीष सिसोदिया के अलावा आम आदमी पार्टी के नेता और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन पर ईडी का शिकंजा कस गया है। मई में उन्हें ईडी ने हिरासत में लिया था। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला चल रहा है। आम आदमी पार्टी में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बाद मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन सबसे कद्दावर नेता हैं।
2. पार्थ चटर्जी (तृणमूल कांग्रेस)
ममता बनर्जी के कभी नंबर-2 रहे पार्थ चटर्जी, शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी के हिरासत में हैं। पार्थ की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से मिली 50 करोड़ रुपये नकदी के बाद से ममता बनर्जी पर दबाव था। और हालात ऐसे हो गए कि ममता बनर्जी को अपने बेहद करीबी पार्थ चटर्जी को न केवल मंत्री पद से हटाना पड़ा बल्कि वह पार्टी से भी निलंबित हो गए हैं। पार्थ चटर्जी की राजनीति में दोबारा एंट्री कराने में ममता बनर्जी की अहम भूमिका रही थी। और चटर्जी ने ममता के लिए हाई प्रोफाइल कॉरपोरेट नौकरी छोड़ तृणमूल कांग्रेस ज्वाइन किया था।
3. सोनिया गांधी-राहुल गांधी (कांग्रेस)
नेशनल हेराल्ड केस में ईडी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पूछताछ कर चुकी है। मामला 'यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड' नाम की नई कंपनी और एजेएल को हुई डील का है। यंग इंडिया में सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित मोतीलाल वोरा, सुमन दुबे, ऑस्कर फर्नांडिस और सैम पित्रोदा को निदेशक बनाया गया था। नई कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास 76 प्रतिशत शेयर थे जबकि बाकी के 24 प्रतिशत शेयर अन्य निदेशकों के पास थे। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने इस कंपनी को 90 करोड़ रुपए बतौर कर्ज दिया। और बाद में यंग इंडिया ने 'एजेएल' का अधिग्रहण कर लिया। जिसको लेकर मनीलांड्रिंग का केस चल रहा है।
4.नवाब मलिक और अनिल देशमुख
शरद पवार की अगुआई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के दो प्रमुख नेता भी इस समय जेल में हैं। महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ अंडर वर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के परिवार से जमीन खरीदने का केस चल रहा है। मलिक को 23 फरवरी को ईडी ने गिरफ्तार किया था, फिलहाल वे मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद हैं। मलिक पर दाऊद इब्राहिम के सहयोगियों हसीना पारकर, सलीम पटेल और सरदार खान के साथ मिलकर मुंबई के कुर्ला में संपत्ति को हड़पने के लिए एक आपराधिक साजिश रचने का आरोप है।
इसके अलावा मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में मलिक के खिलाफ भी जांच हो रही है। इसी तरह पार्टी के एक अन्य नेता और पूर्व मंत्री अनिल देशमुख भी एजेंसियों के गिरफ्त में हैं। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने देशमुख के खिलाफ जबरन वसूली के सनसनीखेज आरोप लगाए थे। और नवंबर 2021 में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
5. संजय राउत (शिव सेना)
शिव सेना के राज्य सभा सांसद और प्रवक्ता संजय राउत भी इस समय मनी लॉन्ड्रिंग केस का सामना कर रहे हैं। उन्हें ईडी ने पात्रा चॉल घोटाले में हिरासत में ले रखा है। राउत पर जांच में सहयोग न करने का आरोप है। और इस समय उनकी न्यायिक हिरासत 5 सितंबर तक है।
राजनीतिक मायने
देश के प्रमुख विपक्षी राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले सामने और उन पर हुई कार्रवाई अब एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुका है। भाजपा जहां एक तरफ इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई बता रही है, वहीं विपक्ष सरकार की साजिश बता रहा है। उसका आरोप है कि विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं को ईडी-सीबीआई के शिकंजे में फंसाकर राजनीतिक रूप से चोट पहुंचाना चाहती है। साथ ही उसकी कोशिश है कि विपक्ष मजबूती से भाजपा का सामना नहीं कर पाए।