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Amazing Indians Awards 2022: फेड्रिक ने प्रदूषण कम करने की दिखाई राह, रेलवे को मिली नई दिशा

Updated Sep 09, 2022 | 20:11 IST

Amazing Indians Awards 2022: पश्चिम रेलवे का अहमदाबाद मंडल एक अनोखी समस्या का सामना कर रहा था। भारतीय रेलवे का ये बेहतरीन डिवीजन होने के बावजूद, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, प्लास्टिक प्रबंधन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को नियंत्रित करने में समस्या का सामना कर रहा था ।

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फेड्रिक पैरियात पुरस्कार लेते हुए
मुख्य बातें
  • फेड्रिक पैरियात की मेहनत और रणनीति काम आई।
  • सामान्य वृक्षारोपण के साथ छोटे वन को विकसित किया गया
  • भारतीय रेलवे के सभी अन्य डिवीजन भी अहमदाबाद के रास्ते पर चलने की कोशिश कर रहे हैं।

Amazing Indians Awards 2022: आज के दौर में जब धरती के कोने-कोने में प्रदूषण ने जहर घोल रखा है, तब फेड्रिक पैरियात इसे खत्म करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। ऐसा लग रहा है मानों उन्होंने प्रदूषण के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया हो। उनकी इसी मुहिम ने उन्हें अमेजिंग इंडियंस 2022 की प्रदूषण श्रेणी (प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई) का पुरस्कार दिलाया है।

कौन हैं फेड्रिक पारियात
 52 वर्षीय फेड्रिक पैरियात 32 सालों से रेलवे की नौकरी कर रहे हैं। वो अहमदाबाद डिवीजन के सीनियर डीई और एचएम हैं। उनके कार्यकाल में  पश्चिम रेलवे का अहमदाबाद मंडल एक अनोखी समस्या का सामना कर रहा था। भारतीय रेलवे का ये बेहतरीन डिवीजन होने के बावजूद, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, प्लास्टिक प्रबंधन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को नियंत्रित करने में समस्या का सामना कर रहा था। इन समस्याओं को अहमदाबाद मंडल ने एक चुनौती के रूप में लिया और इस पर काम करना शुरू कर दिया। यह काम फेड्रिक पैरियात के नेतृत्व में शुरू हुआ। 

मिली सफलता
फेड्रिक पैरियात की मेहनत और रणनीति काम आई। अहमदाबाद मंडल में प्रदूषण कम होने लगा। मंडल द्वारा सभी प्रकार के ठोस, प्लास्टिक और गीले कचरे को फिर से उपयोग करने लायक बनाया जाने लगा। इसके बाद  अहमदाबाद मंडल, भारतीय रेलवे पर एकमात्र ऐसा मंडल बन गया जिसने कारोबार और टिकाऊ पर्यावरण के बीच एक सही संतुलन हासिल कर लिया। इसके रेलवे स्टेशनों पर रियल टाइम में वायु गुणवत्ता सूचकांक की निगरानी की भी व्यवस्था है। 

क्या थी रणनीति

  •  सामान्य वृक्षारोपण के साथ छोटे वन को विकसित किया गया
  •   पानी का दोबारा उपयोग हो सके इसके लिए फाइटोरेमेडिएशन मॉडल लागू किया गया
  •  पानी की बचत के लिए स्वचालित कोच वाशिंग मशीन स्थापित किया गया
  •  ऊर्जा संरक्षण के लिए छतों पर सौर उर्जा का उत्पादन किया जाने लगा
  •  डीजल ट्रैक्शन सेक्शन को इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन सेक्शन में बदला गया
  •  उचित अपशिष्ट प्रबंधन के लिए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र स्थापित किया गया

 
यहां से मिला सपोर्ट

सबसे बड़ा सपोर्ट यात्रियों की तरफ से मिला। वो जागरूक हुए और उन्होंने हर फैसले में साथ दिया। वे जिम्मेदारी से व्यवहार करने लगे हैं। इसका परिणाम हुआ कि भारतीय रेलवे के सभी अन्य डिवीजन भी अहमदाबाद के रास्ते पर चलने की कोशिश कर रहे हैं। जिससे भारत में रेलवे स्टेशनों पर प्रदूषण कम हो गया है।

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