- अगरतला नगर निगम पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा हो गया है, 29 सीटों पर मिली जीत
- राज्य में नगर परिषद वार्डों में भी बड़ी जीत की ओर अग्रसर है भगवा पार्टी
- टीएमसी को झटका, ममता की पार्टी ने निकाय चुनाव में आक्रामक तरीके से प्रचार किया था
अगरतला : त्रिपुरा के स्थानीय निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बड़ी जीत दर्ज करने की ओर अग्रसर है। राज्य चुनाव आयोग के अब तक के आंकड़ों के मुताबिक अगरतला नगर निगम की 51 वार्डों में से 29 पर जीत दर्ज कर ली है। इसके साथ ही नगर निगम में भाजपा को बहुमत हासिल हो गया है। एएमसी एवं नगर पंचायत की 200 से ज्यादा सीटों पर मतगणना रविवार सुबह शुरू हुई। राज्य चुनाव आयोग के अधिकारी ने बताया कि प्रदेश के सभी आठ जिलों के 13 केंद्रों पर वोटों की काउंटिंग शुरू हुई।
मतदान केंदों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
वोटों की गिनती के लिए सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं। मतदान केंद्रों के आस-पास त्रिपुरा स्टेट राइफल्स एवं केंद्रीय बलों की तैनाती हुई है। दिन के बारह बजे तक भाजपा ने अगरतला नगर निगम की 19 सीटों पर जीत दर्ज कर ली थी जबकि शेष 32 वार्डों पर उसके उम्मीदवार आगे चल रहे थे। वहीं, मेलाघर नगर परिषद की सभी 13 सीटों पर भाजपा उम्मीदवार आगे थे। बेलोनिया नगर परिषद में 11 वार्डों में भाजपा प्रत्याशी विजयी घोषित हुए। बाकी सीटों पर मतगणना जारी है। सोनामुरा नगर पंचायत में भाजपा उम्मीदवार सभी 13 सीटों पर आगे हैं।
भाजपा उम्मीदवारों ने बढ़त बनाई
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक अम्बासा, जीरानिया, तेलियामुरा और सबरूम सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों ने मतगणना की शुरुआत में ही बढ़त बना ली। त्रिपुरा में निकाय चुनावों के लिए गत 25 नवंबर को मतदान हुआ। टीएमसी ने इस चुनाव में हिंसा एवं धांधली के आरोप लगाए हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक त्रिपुरा निकाल चुनाव में 98 प्रतिशत वोटिंग हुई।
टीएमसी ने कहा-SC के आदेश का पालन नहीं हुआ
सुप्रीम कोर्ट ने मतदान के दौरान सुरक्षाबलों को पर्याप्त संख्या तैनात करने का आदेश दिया था। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना की पीठ को वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया में मीडिया को निर्बाध पहुंच प्रदान करने के अदालत के बृहस्पतिवार के आदेश के बावजूद इस संबंध में कुछ भी नहीं किया गया। सिब्बल ने तृणमूल द्वारा दायर दो आवेदनों को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा, ‘वहां बिल्कुल अशांत माहौल था। उम्मीदवारों को भी मतदान नहीं करने दिया गया। हिंसक घटनाएं हुईं। यहां तक कि मीडिया में आई खबरों में कहा गया कि उच्चतम न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन हुआ है।’