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उद्धव ठाकरे बड़े नेता, समय आने पर गलतफहमियां दूर कर लेंगे,एकनाथ शिंदे खेमे का बयान

Updated Jul 01, 2022 | 20:50 IST

राजनीति में कुछ भी अंतिम नहीं होता। संभावनाओं के दरवाजे हमेशा खुलते हैं। अगर ऐसा ना होता तो शिवसेना के एकनाथ शिंदे खेमा यह नहीं कहता है कि समय आने पर उद्धव जी से सभी तरह की गलतफहमियों को दूर कर लेंगे।

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दीपक केसरकर, शिवसेना के बागी खेमे के प्रवक्ता
मुख्य बातें
  • महाराष्ट्र में अब शिंदे- देवेंद्र फडणवीस की सरकार
  • समय आने पर उद्धव ठाकरे से गलतफहमियों को दूर कर लेंगे
  • शिंदे सरकार के कुछ फैसलों पर विपक्ष को ऐतराज

एकनाथ शिंदे अब महाराष्ट्र के सीएम हैं। गुरुवार को शपथ लेने के बाद शिंदे सरकार ने कुछ फैसले किए जिसे लेकर विपक्षी दलों को ऐतराज है। इन सबके बीच उद्धव ठाकरे ने बड़ी बात कहीं जिसमें जिक्र इस बात का था कि अगर 2019 में अमित शाह ने अपने वादे को निभाया होता तो सीएम बीजेपी का होता। 2019 में महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार नहीं बनी होती। इस तरह के बयानों के बीच बड़ा सवाल है कि शिवसेना पर अधिकार किसका है। इस तरह के सवालों का जवाब देते हुए एकनाथ शिंदे गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने बड़ी बात कही।

'समय पर सब सुलझ जाएगा'
दीपक केसरकर का कहना है कि उद्धव जी बड़े कद के नेता हैं उनके खिलाफ कुछ नहीं बोलेंगे। सही समय आने पर हम सब उनसे बातचीत करेंगे। जो भी गलतफहमियां हैं वो दूर हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि उन लोगों की लड़ाई उद्धव जी के खिलाफ नहीं रही। शिवसेना जिस मकसद को लेकर संघर्ष कर रही थी कहीं नी कहीं हम उससे भटक गए थे। जनता के सवालों का जवाब नहीं होता था कि वैचारिक तौर पर एक दूसरे से अलग एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन कैसे हो सकता है। 2019 में जब चुनावी नतीजे आए तो जनादेश बीजेपी और शिवसेना के पक्ष में था। लेकिन जब सरकार के तौर पर हम लोग जनता के बीच गए तो लोगों का सीधा सवाल होता था कि आखिर आप लोगों नें अपने विचारधारा की तिलांजलि क्यों दे दी। 

बीजेपी के नारवेकर ने अध्यक्ष पद के लिए किया नामांकन
भारतीय जनता पार्टी से पहली बार विधायक बने राहुल नारवेकर ने शुक्रवार को महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया। जरूरी हुआ तो इस पद के लिए चुनाव तीन जुलाई को होगा।पूर्ववर्ती महा विकास आघाड़ी (एमवीए) का घटक दल रहे कांग्रेस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से पूछा है कि वह विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के लिए अब सहमति कैसे दे सकते हैं जबकि उन्होंने उस समय इसकी अनुमति नहीं दी जब शिवसेना नीत गठबंधन की सरकार थी।

विधानसभा सचिवालय से विधायकों को जारी एक पत्र में कहा गया है कि सदन के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव तीन जुलाई को होगा और इसके लिए दो जुलाई मध्याह्न 12 बजे तक नामांकन स्वीकार किये जाएंगे। एक अधिकारी ने कहा कि मुंबई में कोलाबा विधानसभा से विधायक नारवेकर ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया। इस पद के लिए, जरूरत पड़ने पर, तीन जुलाई को चुनाव होगा जब सदन के विशेष सत्र के दौरान एकनाथ शिंदे नीत सरकार को बहुमत सिद्ध करना होगा।अध्यक्ष पद के लिए विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाड़ी ने अभी तक अपना उम्मीदवार खड़ा नहीं किया है। 
 

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