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'आंखे निकालकर हाथ में दे देगी सरकार', सर्वदलीय बैठक में उद्धव ठाकरे की चीन को ललकार

Updated Jun 19, 2020 | 20:59 IST

Uddhav Thackeray slamas China in All Party Meet: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुक्रवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष के नेताओं ने सरकार के साथ एकजुटता जाहिर करते हुए चीन के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
सर्वदलीय बैठक में उद्धव ठाकरे बोले-हम मजबूर नहीं बल्कि मजबूत देश हैं।
मुख्य बातें
  • चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच पीएम मोदी ने बुलाई सर्वदलीय बैठक
  • विपक्ष के नेताओं ने एक सुर में सरकार के साथ खड़े होने की बात कही
  • ममता बनर्जी ने कहा-चीन तानाशाह देश, इस लड़ाई में भारत की जीत होगी

नई दिल्ली : गलवान घाटी में हुई चीन के साथ हुई हिंसा के बाद सीमा पर बने तनावपूर्ण माहौल पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सभी पार्टियों ने एकजुटता दिखाते हुए सरकार का खुलकर समर्थन किया। पीएम मोदी के आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर आयोजित इस वर्चुअल बैठक में सभी प्रमुख दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया। गत 15 जून की रात गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुए खूनी संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हुए। सैनिकों की शहादत पर देश में चीन के खिलाफ काफी गुस्सा है। समझा जाता है कि इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के साथ ताजा हालात की जानकारी विपक्ष के नेताओं को दी है।  इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चीनी सैनिकों के घुसपैठ को लेकर कई सवाल किए और कहा कि सरकार को सर्वदलीय बैठक और पहले बुलानी चाहिए थी। इस सर्वदलीय बैठक के बारे में समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से विपक्ष के नेताओं की राय जाहिर की है- 

  • वाईएसआरसीपी के अध्यक्ष जगनमोहन रेड्डी ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की प्रतिष्ठा दुनिया भर में बढ़ी है। उन्होंने विश्वभर में भारत रणनीतिक भागीदारी बढ़ाई है। पीएम हमारी ताकत हैं। दुनिया भारत की ताकत बढ़ने से कई ईर्ष्यालु हो गए हैं। चीन भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है।
  • अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि सरकार स्थिति से कैसे निपट रही है, यह समय उस पर सवाल खड़े करना का नहीं है। देश प्रधानमंत्री के साथ खड़ा है। हमें चीन को यह संदेश देना चाहिए कि हम सभी प्रधानमंत्री के साथ हैं।
  • समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने कहा कि चीन और पाकिस्तान की नीयत ठीक नहीं है। भारत को चीन का डंपिंग ग्राउंड नहीं बनने देना चाहिए। सरकार को चीन के उत्पादों पर 300 प्रतिशत शुल्क लगा देना चाहिए।
  • शिवसेना प्रमुख एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि भारत एक शांतिप्रिय देश है लेकिन इसका मतलब यह नहीं लगाना चाहिए कि वह कमजोर है। चीन का स्वभाव ही धोखा देना है। भारत मजबूत देश है कि न कि मजबूर। हमारी सरकार 'आंखे निकालकर हाथ में देने की क्षमता' रखती है। हम सभी एक हैं। हम पीएम, अपनी सेना और उनके परिवारों के साथ हैं।
  • नीतीश कुमार ने कहा कि चीन से आने वाले उत्पादों से बाजार पट गया है। ये उत्पाद प्लास्टिक के बने हैं और ये पर्यावरण के अनुकूल नहीं हैं। इलेक्ट्रानिक कचरा एक मुसीबत बनता जा रहा है। चीनी उत्पाद लंबे समय तक चलते भी नहीं हैं। हमरा कर्तव्य है कि हम इस समय केंद्र सरकार के साथ खड़े हों। हमें इस समय एकजुटता दिखानी है। हमारे मतभेद का अन्य देश फायदा उठा सकते हैं। हमने चीन को सम्मान देने की कोशिश की लेकिन 1962 में जो हुआ वह सभी जानते हैं।
  • पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, 'चीन में लोकतंत्र नहीं है। वहां पर तानाशाही है। वे वही करते हैं जो उन्हें अच्छा लगता है। इस लड़ाई में भारत की जीत होगी और चीन हारेगा। हमें एकजुटता से बोलना, सोचना एवं काम करना होगा। हम सरकार के साथ हैं। चीन को दूरसंचार, रेलवे और उड्डयन क्षेत्र में न आने दें। हमें कुछ दिक्कत हो सकती है लेकिन हमें चीन को इन क्षेत्रों में आने की इजाजत नहीं देनी चाहिए।'
  • कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सरकार से सवाल किया। उन्होंने पूछा-माउंटेन स्ट्राइक कोर का क्या हुआ? चीन के सैनिक किस दिन भारतीय इलाकों में दाखिल हुए? इस अतिक्रमण के बारे में सरकार को पता कब चला? क्या इस घुसपैठ के बारे में सरकार को सैटेलाइट तस्वीरें नहीं मिली थीं? क्या खुफिया एजेंसियों ने वहां असामान्य गतिविधियों की रिपोर्ट नहीं दी थी?'
     

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