- जेवर हवाई अड्डे के लिए 2,000 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित
- योगी मंत्रिमंडल ने एयरपोर्ट के लिए अतिरिक्त 1,365 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण के प्रस्ताव को मंजूरी दी
- परियोजना का पहला चरण 1,300 हेक्टेयर भूमि पर आ रहा है
लखनऊ: योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने जेवर एयरपोर्ट को एशिया के सबसे बड़े हवाई अड्डे के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है। राज्य सरकार ने जेवर हवाई अड्डे के लिए 2,000 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित किया है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सोमवार को राज्य विधानसभा में 2021-22 के लिए 5,50,270.78 करोड़ रुपए का बजट पेश किया था। अब योगी मंत्रिमंडल ने एयरपोर्ट के लिए अतिरिक्त 1,365 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। साथ ही ग्रीनफील्ड परियोजना के विस्तार से प्रभावित होने वाले लोगों के पुनर्वास और भूमि अधिग्रहण के लिए कैबिनेट ने 2,890 करोड़ के खर्च को भी मंजूरी दी।
एडिशनल चीफ सेक्रेटरी एस पी गोयल के अनुसार, राज्य मंत्रिमंडल ने जेवर में नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के भविष्य के विस्तार के लिए एक और 1,365 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी है। परियोजना का पहला चरण 1,300 हेक्टेयर भूमि पर आ रहा है और हवाई अड्डे से वाणिज्यिक संचालन दिसंबर 2023 या जनवरी 2024 तक शुरू होने की उम्मीद है। अब नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कुल 5845 हेक्टेयर जमीन पर बनाया जाएगा। जिसके बाद यह एयरपोर्ट विश्व का चौथे नंबर का सबसे बड़ा और भारत का पहला सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा।
जेवर एयरपोर्ट के रनवे की संख्या को 2 से बढ़ाकर 6 किया गया
राज्य सरकार ने पहले प्रस्तावित जेवर एयरपोर्ट के रनवे की संख्या को 2 से बढ़ाकर 6 कर दिया है। बजट में कहा गया, 'जेवर में निर्माणाधीन एयरपोर्ट में हवाई पट्टियों की संख्या 2 से बढ़ाकर 6 करने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है। यह एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट के रूप में विकसित होगा। परियोजना हेतु 2000 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।'
'यह एयरपोर्ट भारत का गौरव बनेगा'
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है, 'नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट विश्व के बेहतरीन हवाई अड्डों में से एक होगा। उत्तर प्रदेश सरकार इसे विश्वस्तरीय बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ेगी। यह एयरपोर्ट भारत का गौरव बनेगा, हम इसे एक 'ग्लोबल ब्रांड' के रूप में विश्व पटल पर प्रस्तुत करेंगे। सीएम योगी ने कहा कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर की स्थापना से उत्तर प्रदेश में औद्योगिक अवस्थापना का संरचनात्मक विकास होगा, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।'
नाम, लोगो और डिजाइन फाइनल
यह एयरपोर्ट 'नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जेवर' के नाम से जाना जाएगा। वहीं ब्लू कलर में इसका लोगो भी फाइनल हो गया। लोगो में राज्य पक्षी 'सारस' का अक्स है। डिजाइन पर अंतिम फैसला विचाराधीन रखा गया है। यह एयरपोर्ट नोएडा और दिल्ली से मेट्रो रेल के जरिए कनेक्ट किया जाएगा। इस एयरपोर्ट पर बुलेट ट्रेन का भी स्टेशन होगा। जेवर एयरपोर्ट को डेवलप कर रही कंपनी ने एयरपोर्ट के चार फेज का मास्टर प्लान तैयार किया है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कई मायनों में अनूठा होगा। यह एयपोर्ट ऐसा होगा जो पूरी तरह से डिजिटल ऑपरेट किया जाएगा। इस हवाई अड्डे पर हर साल 12 मिलियन यात्रियों की क्षमता हो जाएगी। बात यात्री सुविधाओं की हो या भव्यता की, सब कुछ विश्वस्तरीय होगा। एयरपोर्ट की डिजाइन लंदन, मॉस्को और मिलान के विश्वप्रसिद्ध एयरपोर्ट की तर्ज पर तैयार की गई है। नोएडा एयरपोर्ट एयरपोर्ट में कुल 6 रन-वे होंगे। वर्तमान में 2 रन-वे के लिए भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है।