- विधानसभा का कोई भी सदस्य सदन की कार्यवाही में 60 दिनों तक अनुपस्थित रहता है
- तो कानून उसकी सदस्यता को अनुच्छेद 190 के तहत खत्म किया जा सकता है
- मुख्तार अंसारी पिछले लंबे समय से उत्तर प्रदेश की मऊ की सीट से विधायक है
उत्तर प्रदेश आने के बाद बहुजन समाज पार्टी (BSP Mla) विधायक एवं गैंगस्टर मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की दिक्कतें बढ़ने वाली हैं, मीडिया रिपोर्टों की मानें तो योगी सरकार मुख्तार अंसारी की विधानसभा की सदस्यता को खत्म करने की कार्रवाई भी जल्द शुरू कर सकती है सरकार मुख्तार अंसारी की विधानसभा सदस्यता खत्म करने को लेकर कानूनी राय लेगी।
गौरतलब है कि कई दिनों तक लगातार सदन की कार्यवाही में शामिल न होने पर भी सदस्यता रद्द करने का नियम है अगर विधानसभा का कोई भी सदस्य सदन की कार्यवाही में 60 दिनों तक अनुपस्थित रहता है तो कानून उसकी सदस्यता को अनुच्छेद 190 के तहत खत्म किया जा सकता है।
गौर हो कि मुख्तार अंसारी पिछले लंबे समय से उत्तर प्रदेश की मऊ की सीट से विधायक है गौर हो कि बता दें कि आज सुबह ही मुख्तार अंसारी को पंजाब की रोपड़ जेल से यूपी की बांदा जेल में शिफ्ट किया गया है।
मुख्तार अंसारी को एमपी एमएलए कोर्ट में पेश किया गया
बांदा जेल लाने के बाद मुख्तार अंसारी को सबसे पहले 21 साल पुराने मामले में एमपी एमएलए कोर्ट में पेश किया गया लखनऊ जेल के अधिकारियों संग मारपीट को लेकर अंसारी पर यह मामला चल रहा है, हालांकि इस मामले में कई बार मुख्तार को पेश होने का आदेश दिया गया लेकिन मुख्तार इस दौरान पंजाब की रोपड़ जेल में बंद थे।
अंसारी के खिलाफ गुनाहों की फेहरिस्त लंबी
मुख्तार अंसारी यूपी पुलिस के हत्थे न चढ़े इसके लिए तमाम हथकंडे अपनाए लेकिन सुप्रीम कोर्ट में उसकी हर चाल धरी की धरी रह गई। शीर्ष अदालत के आदेश के बाद पंजाब की सरकार ने उसे यूपी पुलिस को सौंपा। अंसारी अब बांदा की जेल में बंद रहेगा।
धीरे-धीरे जरायम की दुनिया में कदम रखा
अपराध की दुनिया में अंसारी का नाम 1990 के दशक में शुरू हुआ। शुरुआत में वह प्रॉपर्टी एवं ठेके का काम करना शुरू किया और फिर धीरे-धीरे जरायम की दुनिया में कदम रखा। नवंबर 2005 में उस पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक कृष्णानंद राय की हत्या कराने के आरोप उस पर लगे।