- बीजेपी शासित राज्य अनाथ बच्चों की मदद के लिए आगे आए हैं
- योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश बाल सेवा योजना शुरू की
- कर्नाटक और असम ने भी अनाथ बच्चों की मदद के लिए ऐलान किए हैं
नई दिल्ली: कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने इस तरह कहर ढाया है कि कई बच्चे अनाथ हो गए हैं। उन्हीं बच्चों की मदद के लिए अब सरकारें आगे आ रही हैं। एक तरफ जहां केंद्र की मोदी सरकार ने अनाथ बच्चों के लिए कई ऐलान किए हैं, वहीं अब राज्य सरकारें भी मदद के लिए आगे आई हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों के संरक्षण और उनकी देखभाल के लिए यूपी सरकार ने एक विशेष योजना को लागू करने का निर्णय लिया है। 'उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना' के नाम से यह योजना संचालित होगी।
योगी आदित्यनाथ ने किए ये ऐलान
सीएम योगी ने कहा, 'इसमें जिन बच्चों ने अपने माता-पिता अथवा कानूनी अभिभावक को कोरोना महामारी के कारण खोया है, उन बच्चों के लिए यह योजना लागू होगी। 10 वर्ष से कम आयु के ऐसे बच्चे, जिनका कोई अभिभावक नहीं है, ऐसे बच्चों की केन्द्र सरकार की सहायता से यूपी सरकार द्वारा संचालित बाल संरक्षण गृह में रहने की व्यवस्था होगी। वर्तमान में प्रदेश में 05 ऐसे बाल संरक्षण गृह संचालित हैं, जिनमें इन बच्चों के लिए हर प्रकार की सुविधा, सुरक्षा, पालन-पोषण की पूरी व्यवस्था सरकार कर रही है। यह बाल गृह मथुरा, लखनऊ, प्रयागराज, आगरा और रामपुर में हैं। बच्चे के वयस्क होने तक उनके अभिभावक अथवा देखभाल करने वाले को 4000 प्रति माह की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।'
लड़कियों की शादी के लिए पैसे देगी सरकार
उन्होंने कहा कि अवयस्क बालिकाओं को प्रदेश में केन्द्र सरकार की ओर से संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में शिक्षित करने की व्यवस्था होगी। प्रदेश में हम 18 अटल आवासीय विद्यालय संचालित करने जा रहे हैं, जहां ऐसे बालक एवं बालिकाओं हेतु सभी व्यवस्थाएं नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। जिन बालिकाओं ने अपने माता-पिता को खोया है, ऐसी बालिकाओं की शादी हेतु यूपी सरकार 1.01 लाख उपलब्ध कराएगी। स्कूल में पढ़ने वाले अथवा व्यवसायिक कोर्स करने वाले बच्चों को, जिन्होंने कोरोना के कारण अपने पैरेंट्स व कानूनी अभिभावक को खोया है, उनके लिए लैपटॉप या टैबलेट की व्यवस्था की जाएगी। इससे बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा के साथ भी जुड़ने का अवसर प्राप्त होगा।
कर्नाटक सरकार ने किया ऐलान
वहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने ऐलान किया, 'हमारी सरकार ने बाल सेवा योजना की घोषणा की, जिसके तहत अभिभावकों/देखभाल करने वालों को 3500 रुपए प्रति माह की वित्तीय सहायता दी जाएगी। जिन बच्चों के अभिभावक नहीं हैं, उन्हें चाइल्ड केयर संस्थानों में रखा जाएगा। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए उन्हें आदर्श आवासीय विद्यालयों में प्रवेश दिया जाएगा। 10वीं कक्षा पूरी करने वाले बच्चों को उच्च/व्यावसायिक शिक्षा के लिए मुफ्त लैपटॉप/टैब दिया जाएगा। 21 साल की उम्र पूरी करने वाली लड़कियों को शादी, उच्च शिक्षा, स्वरोजगार के लिए 1 लाख रुपए दिए जाएंगे। बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए मेंटरशिप दी जाएगी।'
इसके अलावा असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि असम सरकार कोविड-19 के कारण अनाथ प्रत्येक बच्चे के अभिभावक को उनकी शिक्षा के लिए 3,500 रुपए प्रति माह प्रदान करेगी। ऐसे बच्चों को आवासीय संस्थानों में भेजा जाएगा, जिनके परिवार में और कोई सगा-संबंधी नहीं है। सरकार ऐसे बच्चों का सारा खर्च उठाएगी।
हरियाणा
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, 'मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत, उन बच्चों को वित्तीय मदद सुनिश्चित की जाएगी जिन्होंने अपने माता-पिता/देखभाल करने वालों को खो दिया (कोविड 19 के कारण)। हम अनाथों को 18 साल की उम्र तक 2,500 रुपए प्रति माह देंगे। इसके अलावा उन्हें अन्य खर्चों के लिए 12,000 रुपए (प्रति वर्ष) प्रदान किए जाएंगे। बाल सेवा संस्थान में रहने वाले बच्चों के लिए आवर्ती जमा खाते खोले जाएंगे। 18 साल की उम्र तक उनके खातों में 1500 रुपए जमा होंगे। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में 12वीं कक्षा तक युवतियों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी। 51000 रुपए उनके बैंक खातों में जमा किए जाएंगे और उन्हें उनकी शादी के समय ब्याज के साथ प्रदान किया जाएगा।'