लाइव टीवी

Siachen Battleground: दुनिया की वो खास जगह जहां दुश्मन की गोली नहीं मौसम है सैनिकों के लिए खलनायक

Updated Jan 25, 2021 | 14:40 IST

सियाचिन, दुनिया के सबसे ऊंचे रणक्षेत्रों में से एक है। इस रणक्षेत्र की खासियत यह है सैनिकों जितनी शहादत दुश्मन के गोलियों से नहीं हुई उससे ज्यादा मौसम उनकी जान का दुश्मन बना है।

Loading ...
तस्वीर साभार:&nbspBCCL
दुनिया के सबसे ऊंचे रणक्षेत्रों में से एक है सियाचिन
मुख्य बातें
  • सियाचिन, दुनिया के सबसे ऊंचे रणक्षेत्रों में से एक
  • हिमालय के पूर्वी काराकोरम रेंज में है सियाचिन
  • सियाचिन में दुश्मनों की गोली से ज्यादा मौसम बन जाता है खलनायक

नई दिल्ली। सियाचिन में तैनात सैनिकों के सामने दुश्मन की गोली से ज्यादा परेशानी मौसम की है। अब तक के जो आंकड़े हैं उसके मुताबिक दुश्मन की गोली से सबसे ज्यादा शिकार  मौसम से हुए हैं। सियाचिन में सबसे बड़ी दिक्कत अंगों के जमने की है। ठंड से अंगों के कटने का भी खतरा होता है जिसे शीतदंश कहते हैं। इसके साथ ही जीभ फंसने से धीरे धीरे हकलाहट आने लगती है।
सियाचिन में दुश्मन नहीं मौसम खलनायक
30 साल में हमारे 846 जवानों ने प्राणों को न्यौछावर किया है। खतरनाक मौसम में करीब 10 हजार जवान इस बर्फीली चोटी की दिन रात रक्षा करते हैं। सैनिक एकसाथ चलते हैं, खास बात यह है कि  समूह में चल रहे जवानों के पैर एक रस्सी से बंधे होते हैं इसका मकसद यह होता है कि अगर कोई जवान फिसल कर नीचे गिरे तो वो समूह से वह अलग न हो सके। सियाचिन ग्लेशियर का इलिवेशन अलग अलग है लिहाजा सैनिकों को बेस कैंप से 10 दिन पहले यात्रा शुरू करनी पड़ती है। खास बात यह है कि तैनाती वाली जगह पर पहुंचने के लिए यात्रा रात में शुरू की जाती है। 

खाने में लिक्विड का इस्तेमाल सबसे ज्यादा
खाने में लिक्विड ज्यादा इस्तेमाल होता है। दरअसल सख्त चीजों को खा पाना बहुत ही मुश्किल होता है। अगर किसी को सूप पीना हो तो उसे पिघलाना पड़ता है। बड़ी बात यह है कि सूप के पिघलते ही जितनी जल्द हो सके उसे पीना पड़ता है क्योंकि तापमान कम होने से सूप के जमने का खतरा बढ़ जाता है। बर्फीला तूफान तबाही लेकर आता है कभी कभी को पूरी एक टुकड़ी हिम में दफ्न हो जाती है।  

सैनिकों के पास 20-30 किलो का होता है बैग
सैनिकों के पास 20-30 किलो का बैग होता है उस बैग में जिसमें बर्फ काटने वाली एक कुल्हाड़ी, उसके हथियार और रोजमर्रा के कुछ सामान होते हैं। सैन्य पोस्ट पर पहुंचते पहुंचते फौजियों के शरीर और कपड़े के बीच पसीने की पतली परत जम जाती है। बता दें कि गर्मी बढ़ने के साथ इसके टूटने की आवाज सुनी जा सकती है।


कहां है सियाचिन
सियाचिन ग्लेशियर हिमालय के पूर्वी काराकोरम रेंज में स्थित है। यह इलाका एनजे 9842 के उत्तर पूर्व में उस जगह पर स्थित है जहां भारत और पाकिस्तान के बीच एलएसी समाप्त होती है। इसकी औसत उंचाई 5400 मीटर है और करीब 700 वर्ग किमी में इसका फैलाव है। 

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।