- कोविशील्ड के बीच एनटीएजीआई ने 12 से 18 हफ्ते के गैप की सिफारिश की
- कोवैक्सीन के दोनों डोज के बीच अंतर पहले की ही तरह
- स्तनपान कराने वाली महिलाएं किसी भी समय करा सकती है टीकाकरण
कोरोना वायरस से निपटने के लिए वैक्सीन और दो गज की दूरी अहम है। भारत में लोगों का टीकाकरण हो रहा है। लेकिन टीकाकरण के लिए पर्याप्त वैक्सीन नहीं मिल पा रही है। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा कि 12 लाख लोगों को वैक्सीन के दूसरे डोज का इंतजार है। सरकार के राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) ने कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच अंतर बढ़ाकर 12-16 हफ्ते करने की सिफारिश की। इसे सरकार ने स्वीकार कर लिया है। इसके अनुसार, अब कोविशील्ड वैक्सीन की दो खुराक के बीच गैप 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह किया गया है। अभी कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच का अंतराल चार से आठ हफ्ते हैं।
एनटीएजीआई की खास सिफारिश
सरकारी परामर्श समिति ने कहा कि कोविड-19 से पीड़ित रह चुके लोगों को स्वस्थ होने के बाद छह महीने तक टीकाकरण नहीं करवाना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 का कोई भी टीका लगवाने का विकल्प दिया जा सकता है। स्तनपान करवाने वाली महिलाएं बच्चे को जन्म देने के बाद किसी भी समय टीका लगवा सकती हैं।
- कोविशील्ड के पहले और दूसरे डोज के बीच 12 से 16 हफ्ते के गैप की सिफारिश
- कोवैक्सीन के लिए किसी तरह की सिफारिश नहीं
- स्तनपान कराने वाली महिलाएं किसी समय लगवा सकती हैं टीका
विपक्ष के निशाने पर केंद्र सरकार
इन सब प्रावधानों के बीच विपक्षी दल लगातार केंद्र सरकार की कोरोना वैक्सीनेशन नीति पर सवाल उठा रहे हैं। दिल्ली सरकार ने बुधवार को कहा था कि उन्हें 100 सेंटर सिर्फ इसलिए बंद करने पड़े क्योंकि उनके पास पर्याप्त टीका नहीं है। इसके साथ ही सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा कि अगस्त के महीने से 10 करोड़ टीके का उत्पादन शुरू हो जाएगा।