नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित पूरे देश में बीते कुछ समय में कोरोना के मामलों में जबरस्त उछाल देखा जा रहा है। देश में जहां यह कोरोना की दूसरी लहर है, वहीं दिल्ली में कोरोना की यह चौथी लहर है, जिसके कारण एक बड़ा स्वास्थ्य संकट लोगों और प्रशासन के समक्ष पैदा हो गया है। हालात की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सप्ताहांत पर कर्फ्यू लगाने का ऐलान भी किया है।
दिल्ली सहित देश के अन्य हिस्सों में बिगड़ते हालात के बीच हर किसी के जेहन में एक ही सवाल आ रहा है कि आखिर देशभर में संक्रमण के मामलों में एक बार फिर इस कदर उछाल क्यों हुआ? विशेषज्ञ इसके लिए जहां लोगों की लापरवाही को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, वहीं संक्रमण के मामलों में उछाल के लिए कोरोना वायरस के कुछ अलग तरह के वेरिएंट्स भी जिम्मेदार बताए जा रहे हैं, जो विगत कुछ समय में भारत में पाए गए हैं।
चंडीगढ़ PGIMER के निदेशक प्रो. जगत राम के अनुसार, मार्च में दिल्ली के नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल के लिए जो नमूने जांच के लिए भेजे गए थे, उनमें से 70 प्रतिशत यूके वेरिएंट का कोरोनोवायरस था। यह बहुत संक्रामक है और सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने बताया कि कुछ नमूनों में डबल म्यूटेंट के मामले भी पाए गए हैं।
चंडीगढ़ PGIMER के पीआरओ के मुताबिक, वायरोलॉजी डिपार्टमेंट ने दिल्ली स्थित नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल को मार्च महीने में कोरोना वायरस संक्रमण के 60 पॉजिटिव नमूने भेजे थे, जिनमें से 70 फीसदी यूके वेरिएंट के थे। एक सैंपल डबल म्यूटेंट का था, जबकि 20 प्रतिशत मामले 681H म्यूटेंट के हैं। अधिकांश नमूने चंडीगढ़ के थे।