- मेडिकल के लिए कई राज्यों ने हेल्पलाइन नंबर जारी कर रखे हैं
- एनसीआरबी 2021 की रिपोर्ट के अनुसार 1,55,622 मौतें सड़क दुर्घटना में हुई हैं
- हाल ही में देश के बड़े उद्योगपतियों में से एक साइरस मिस्त्री की मौत एक सड़क हादसे में हो गई है
देश के लगभग हर परिवार में किसी न किसी की मौत सड़क दुर्घटना में हुई है। कई बार हम सुनते हैं कि अगर सही समय पर इलाज मिल जाता, मदद पहुंच जाती तो जान बचाई जा सकती थी। सबसे ज्यादा खतरा दोपहिया वाहन चालकों को रहता है। साल 2021 में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटना का शिकार यही बने हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार 69,240 दोपहिया चालकों की मौत सिर्फ 2021 में ही हुई है।
क्या करें सबसे पहले
अगर आप या आपके किसी जानने वाले सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए हों तो सबसे पहले मदद लेने की कोशिश करें। हेल्पलाइन को कॉल करें। जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचने या पहुंचाने की कोशिश करें। अस्पताल ले जाते समय यह तय करें कि उनका सिर और गर्दन सीधी रहे। खून जितना कम बह सके, उतना अच्छा होगा। खून रोकने के लिए घाव को साफ कपड़े से बांध दें।
इन नंबरों पर करें कॉल
भारत सरकार समेत कई राज्यों ने इमरजेंसी नंबरों को जारी कर रखा है, ताकि रोड एक्सीडेंट के समय लोगों को जल्द से जल्द मदद पहुंचाई जा सके। आंध्र प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड, गोवा, तमिलनाडु, राजस्थान, कर्नाटक, असम, मेघालय, एमपी और यूपी में मेडिकल हेल्पलाइन- 108 है। वहीं सड़क दुर्घटना आपातकालीन सेवा का हेल्पलाइन नंबर 1073 है। इसके अलावा निजी ऑपरेटरों के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क दुर्घटना आपातकालीन नंबर 1033 है।
खुद की करें जांच
अगर मदद मिलने में हो तो सबसे पहले अपनी जांच करें। चोटों का आकलन करें। देखें आप उठ पा रहे हैं नहीं। कहां-कहां चोट लगी है। अगर आपको चोट कम लगी है और आपके साथी की हालत गंभीर है तो गाड़ी में मौजूद फर्स्ट एड किट का प्रयोग करें, अपने साथी की मदद करें। ज्यादा चोट लगी हो तो हिले-डुले नहीं, मदद का इंतजार करें।
सीपीआर का करें प्रयोग
अगर घायल शख्स का नब्ज नहीं चल रहा हो तो सीपीआर का प्रयोग करें, लेकिन ध्यान रहे सीपीआर देने का सही तरीका पता होना चाहिए। सीपीआर देने के लिए पीड़ित शख्स की छाती को लगातार दबाते हुए धक्का दें। अपोलो हॉस्पिटल के अनुसार अगर शख्स के मुंह से खुन बह रहा है तो उसे अपनी तरफ मोड़ें। इससे पीड़ित को घुटन से बचाया जा सकता है।
इन चीजों से बचें
घायल शख्स को खिलाने-पिलाने से बचें। दुर्घटना में घायल शख्स को प्यास बहुत लगती है, वो पानी की मांग करते हैं। ऐसे में उन्हें जितना मदद मिलने तक दूर रखें, अच्छा होगा। क्योंकि कई बार इससे घुटन के मामले देखे गए हैं। जिससे पीड़ित की हालत और बिगड़ सकती है। इलाज में देरी न करें। अगर ऐसा लगे कि आपको हादसे में कोई चोट नहीं लगी है, फिर भी एक बार डॉक्टर से मिलें। मेडिकल सलाह जरूर लें।
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