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कोणार्क सूर्य मंदिर के रथ का पहिया बना इंटरपोल की 90वीं महासभा का Logo, ओडिशा के सीएम ने CBI को कहा थैंक्स

Updated Sep 20, 2022 | 21:41 IST

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने कोणार्क सूर्य मंदिर के रथ के पहिये को इंटरपोल की 90वीं महासभा का लोगो बनाया। ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने सीबीआई को धन्यवाद दिया। इंटरपोल महासभा का आयोजन भारत में हो रहा है।

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कोणार्क सूर्य मंदिर (तस्वीर-istock)
मुख्य बातें
  • इंटरपोल महासभा की 90वीं बैठक भारत में होने जा रही है।
  • इंटरपोल महासभा कार्यक्रम का आयोजन सीबीआई कर रही है।
  • इस महासभा का लोगो ओडिशा स्थित कोणार्क सूर्य मंदिर के रथ के पहिये जैसा बनाया गया है।

भुवनेश्वर: ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) ने 13वीं सदी के कोणार्क सूर्य मंदिर (Konark Sun temple) के पहिये को अगले महीने भारत में होने वाली इंटरपोल महासभा (Interpol general assembly) का लोगो बनाने के लिए CBI को धन्यवाद दिया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने हाल ही में लोगो (Logo)का अनावरण किया। सीबीआई 90वीं इंटरपोल महासभा कार्यक्रम का आयोजन कर रही है। लोगो के केंद्र में 'अशोक चक्र' के साथ एक गोलाकार डिजाइन में व्यवस्थित तिरंगे की पत्तियों के साथ एक आकृति दिखाता है।

सीएम पटनायक ने ट्वीट किया कि गर्व से भरा हुआ है कि @INTERPOL_HQ ने नई दिल्ली में होने वाली 90वीं इंटरपोल महासभा के लिए लोगो का अनावरण किया है। जो कोणार्क मंदिर के जटिल रथ पहियों से प्रेरित है। अंतररष्ट्रीय मिट के लिए प्रतिष्ठित पहियों की विशेषता के विचार की कल्पना करने के लिए सीबीआई को थैंक्स।

न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक अधिकारियों ने कहा कि महासभा का आयोजन करने वाले सीबीआई ने हाल ही में लोगो का अनावरण किया, जिसमें तीन पत्तियों वाली एक गोलाकार आकृति है, जिनके बीच में 'पहिया' है। इंटरपोल के साथ संपर्क करने के लिए सीबीआई भारत की राष्ट्रीय एजेंसी है। सीबीआई को इस लोगो का विचार ओडिशा के नक्काशीदार सूर्य मंदिर के 24 अलग-अलग पहियों से आया, जिनमें 16 तीलियां हैं। इस मंदिर का निर्माण सूर्य भगवान के रथ के रूप में पत्थर से किया गया है। इंटरपोल की महासभा में 195 देशों के कानून प्रवर्तन अधिकारी भाग लेंगे।

एक अधिकारी ने कहा कि जब इंटरपोल की प्रतिबद्धता और जुड़ाव का संदर्भ आता है, तो इस लोगो में कोणार्क का पहिया वैश्विक निकाय के चौबीस घंटे कामकाज को प्रेरित करने का काम करता है और यह तीन पत्तियों वाले गोलाकार आकृति से घिरा हुआ है, जो भारतीय ध्वज के रंगों वाला है। उन्होंने कहा कि तीन घेरे वाली गोलाकार आकृति इंटरपोल के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय बंधनों के निर्माण, विश्व स्तर पर सुरक्षा के संरक्षण के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता और कानून प्रवर्तन लक्ष्यों की उपलब्धि दर्शाती है।

अधिकारियों ने कहा कि भारत ने 1997 में इस कार्यक्रम का आयोजन किया था। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के प्रयासों के कारण देश को फिर से महासभा का आयोजन करने का मौका मिला है, जो चाहते थे कि यह भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ वर्ष के दौरान देश में आयोजित किया जाए। महासभा एक वार्षिक कार्यक्रम होता है, जिसका आयोजन प्रत्येक सदस्य देश द्वारा बारी-बारी से किया जाता है।

केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने इस साल भारत में वैश्विक सुरक्षा कैलेंडर में इस महासभा का आयोजन करने का विचार तत्कालीन इंटरपोल महासचिव जुर्गन स्टॉक के साथ बैठक के दौरान रखा था, जिन्होंने 30 अगस्त, 2019 को उनसे मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि 18 अक्टूबर से शुरू होने वाले तीन दिवसीय कार्यक्रम में भ्रष्टाचार और साइबर अपराध, इंटरनेट पर प्रसारित बाल यौन शोषण सामग्री, लापता व्यक्तियों और आतंकवाद के अलावा दुनिया भर में भगोड़े अपराधियों पर नजर रखने के लिए विभिन्न देशों की पुलिस के बीच सहयोग में सुधार के लिए नयी तकनीकों और तंत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

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