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जब Congress में शामिल होने के ऑफर पर बोले गडकरी- मैं कुएं में कूदकर मर जाऊंगा, लेकिन कांग्रेस...

Updated Aug 28, 2022 | 07:17 IST

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र नागपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि किसी को भी ‘इस्तेमाल करो फेंको’ की दौड़ में नहीं शामिल होना चाहिए।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
मानवीय संबंध इंसान की सबसे बड़ी ताकत है- गडकरी
मुख्य बातें
  • गडकरी बोले- हार मानने तक आदमी खत्म नहीं होता
  • मानवीय संबंध इंसान की सबसे बड़ी ताकत है- गडकरी
  • नागपुर में कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने पुराने दिनों को किया याद

नागपुर:  केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की बेबाकी और उनके भाषण अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। हाल में उनकी एक एडिट की हुई क्लिप को आप आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह सहित कई लोगों ने शेयर किया तो सोशल मीडिया में उन्हें लेकर कई अटकलें लगाई जाने लगी। बाद में पता चला की वो वीडियो क्लिप एडिट की गई है और बयानों को तोड़ मरोड़कर कर जोड़ा गया है। गडकरी के दफ्तर ने खुद इसका खंडन करते हुए इसे फेक बताया था। शनिवार को नागपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गडकरी पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के कथन का हवाला देते हुए कहा कि जब कोई व्यक्ति पराजित होता है तो खत्म नहीं होता लेकिन जब वह हार मान लेता है तो खत्म हो जाता है।

कही ये अहम बात

गडकरी नागपुर में उद्यमियों की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि जो कोई भी व्यवसाय, सामाजिक कार्य या राजनीति में है, उसके लिए मानवीय संबंध सबसे बड़ी ताकत है। हाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संसदीय बोर्ड से हटाए जाने को लेकर चर्चा में रहे गडकरी ने कहा, ‘इसलिए, किसी को भी ‘इस्तेमाल करो फेंको’ की दौड़ में नहीं शामिल होना चाहिए। अच्छे दिन हों या बुरे दिन, जब एक बार किसी का हाथ थाम लें, उसे थामें रहें। उगते सूरज की पूजा न करें।’

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मिला था कांग्रेस में शामिल होने का ऑफर

गडकरी ने याद किया कि जब वह छात्र नेता थे, तब कांग्रेस नेता श्रीकांत जिचकर ने उन्हें बेहतर भविष्य के लिए कांग्रेस में शामिल होने के लिए कहा था। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘मैंने श्रीकांत से कहा, मैं कुएं में कूदकर मर जाऊंगा, लेकिन कांग्रेस में शामिल नहीं होऊंगा, क्योंकि मुझे कांग्रेस की विचारधारा पसंद नहीं है।’ गडकरी ने कहा कि युवा उद्यमियों को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन की आत्मकथा का वाक्य याद रखना चाहिए कि हारने पर आदमी का अंत नहीं होता है, लेकिन जब वह हार मान लेता है तो वह खत्म हो जाता है।

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