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राजनीति के पॉवरफुल भाई-बहन, नेहरू-गांधी, सिंधिया, यादव परिवार की जानें दास्तां

Updated Aug 21, 2021 | 15:59 IST

भारतीय राजनीति में नेहरू, गांधी, सिंधिया,यादव और करुणानिधि परिवार से लेकर कई ऐसे भाई-बहन की जोड़ी हुई है। जिन्होंने भारतीय राजनीति पर असर डाला है।

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राहुल और प्रियंका गांधी
मुख्य बातें
  • विजय लक्ष्मी पंडित देश के पहले प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू की बहन थीं और कई देशों में भारत की राजदूत के रुप में उन्होंने काम किया।
  • माधव राव सिंधिंया और वसुंधरा राजे सिंधिया राजनीति में विरोधी दलों में रहे। माधव राव कांग्रेसी रहे तो वसुंधरा भाजपा की कद्दावर नेता हैं।
  • दक्षिण भारत में इस समय तमिलनाडु के मुख्य मंत्री एम.के.स्टालिन और उनकी बहन कनिमोझी सबसे पॉवरफुल भाई-बहन हैं।

नई दिल्ली: वैसे तो राजनीति में हमेशा सत्ता हथियाने का ही खेल चलता है। और उसके लिए कई बार अपने भी पराए हो जाते हैं। लेकिन आज हम रक्षा बंधन के मौके पर ऐसे भाई-बहनों की जोड़ी के बारे में बता रहे हैं, जो व्यक्तिगत जीवन से लेकर राजनितिक जीवन में एक-दूसरे के साथ हर पल खड़े रहे हैं। आइए जानते हैं आजाद भारत से लेकर आज तक की ऐसे प्रमुख भाई-बहन की जोड़ियों के बारे में...

राहुल और प्रियंका गांधी

राजनीति में इस समय शायद राहुल और प्रियंका गांधी वाड्रा से ज्यादा प्रभावशाली कोई और भाई-बहन नहीं हैं। भारत के पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी और सोनिया गांधी के संतान राहुल और प्रियंका की केमिस्ट्री हमेशा से लोगों को आकर्षित करती रही है। राहुल गांधी के  साथ हमेशा साये की तरह प्रियंका गांधी खड़ी रहती है। और जब भी कोई संकट और चुनौती खड़ी होती है, दोनों मिलकर उसे सुलझाने की कोशिश करते हैं। चाहें राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट का संकट हो या फिर पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू का सत्ता संघर्ष हर जगह प्रियंका और राहुल एक साथ खड़े रहे हैं। इसके अलावा यूपी में भी प्रियंका गांधी, कांग्रेस को रिवाइव करने की कोशिश में है। 2014 और 2019 में जब कांग्रेस पार्टी की लोक सभा चुनावों में हार हुई तो कांग्रेस का एक धड़ा यह मांग करने लगा कि प्रियंका गांधी को पार्टी की कमान संभालनी चाहिए, लेकिन  दोनों भाई-बहनों में इसको लेकर कभी कोई मतभेद नहीं हुए और आज भी एक साथ खड़े  हैं।


तेज प्रताप-तेजस्वी और मीसा भारती

राष्ट्रीय जनता दल के संस्थापक और अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के तीन बच्चे राजनीति में  हैं। उनमें सबसे बड़ी मीसा भारती हैं। उसके बाद तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव का नंबर आता है। मीसा भारती 2014  में बिहार की पाटलीपुत्र सीट से लोक सभा का चुनाव लड़ चुकी हैं। हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। वर्तमान में वह राज्य सभा सदस्य हैं। जबकि तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव विधान सभा सदस्य हैं। हालांकि इस समय एक बार फिर तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव के बीच सब रिश्ते सामान्य नहीं होने के संकेत मिल रहे हैं। तेज प्रताप ने ट्वीट करके कहा है, 'चाहे जितना षड्यंत्र रचो, कृष्ण- अर्जुन की ये जोड़ी को तोड़ नहीं पाओगे। इससे पहले तेज प्रताप ने तेजस्‍वी को बच्‍चा, जगदानंद सिंह को शिशुपाल और संजय यादव को दुर्योधन कहा था। जगदानंद सिंह राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष हैं और संजय यादव तेजस्वी यादव के राजनैतिक सलाहकार हैं। तेजस्वी यादव प्रदेश के उप मुख्य मंत्री और तेज प्रताप यादव स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं।  नए विवाद पर तेजस्वी ने केवल इतना कहा है कि सबको अनुशासन में रहना चाहिए।

एम.के.स्टालिन और एम.के.कनिमोझी

दक्षिण भारत में राजनीतिक रुप से इस समय सबसे मजबूत एम.के. स्टालिन और एम.के.कन्निमोझी हैं। दोनों डीएमक नेता एम. करूणानिधि के बच्चे हैं। एम.के.स्टालिन इस समय जहां तमिलनाडु के मुख्य मंत्री हैं। वहीं एम.के.कनिमोझी तमिलनाडु से सांसद है। 2जी घोटाले के मामले में कनिमोझी भी आरोपी रह चुकी है। हालांकि बाद में 2018 में कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था। करूणानिधि की मौत के बाद डीएमके पार्टी की कमान एम.के.स्टालिन को मिली थी। और इस बार तमिलनाडु की सत्ता में वापसी से उनका कद काफी बढ़ चुका है। 

माधव राव सिंधिया और वसुंधरा राजे सिंधिया

राजनीतिक रुप से रसूख रखने वालों में सिंधिया घराने की बात न हो तो यह लिस्ट पूरी नहीं हो सकती है। भले ही राजनीतिक रुप से सिंधिया घराने के सबसे सफल राजनेता अलग-अलग दल से जुड़े रहे हो लेकिन उनके भाई-बहन का नाता मजबूत रहा। माधव राव सिंधिया और वसुंधरा राजे सिंधिया की जोड़ी ऐसी ही रही है। माधव राव सिंधिया कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए थे और राजीव गांधी के बेहद करीबी थे। रेल मंत्री सहित कई अहम मंत्रालयों की वह जिम्मेदारी संभाल चुके थे। एक हवाई दुर्घटना में माधव राव सिंधिया की 2001 में मृत्यु हो गई थी। वहीं उनकी बहन वसुंधरा राजे सिंधिया भाजपा की कद्दावर नेता हैं। और दो बार राजस्थान की मुख्य मंत्री रह चुकी है। और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में उनकी गिनती होती है।

उमर अब्दुल्ला और सारा पायलट

जम्मू और कश्मीर के भाई-बहन की जोड़ी में उमर अब्दुल्ला और सारा पायलट का नाम आता है। दोनों जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के बच्चे हैं। उमर 1998 में लोकसभा के सबसे कम उम्र के सदस्य बने। वह साल 2009 में राज्य के मुख्य मंत्री बने थे। जो कि राज्य के सबसे कम उम्र के मुख्य मंत्री थी। वहीं सारा पायलट कांग्रेस नेता सचिन पायलट की पत्नी हैं। वह राज्य में एनजीओ के साथ जुड़ी हुई हैं। और महिलाओं के लिए खास तौर से काम करती हैं।


जवाहर लाल नेहरू और विजय लक्ष्मी पंडित

ऐसा नही है कि राजनीति में केवल इस समय पॉवरफुल भाई-बहनों की जोड़ी कमाल कर रही है। आजाद भारत की सबसे पॉवरफुल भाई-बहन की जोड़ी देश के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू और उनकी बहन विजय लक्ष्मी पंडित की थी। दोनों भाई-बहनों ने आजादी की लड़ाई में जहां अहम  भूमिका निभाई वहीं उसके बाद भारत के निर्माण में भी अहम योगदान दिया। आजादी के पहले 1937 में यूनाइटेड प्राविन्स में बनी सरकार में विजय लक्ष्मी पंडित कैबिनेट मंत्री का पद संभालने वाली पहली महिला बनीं। आजादी के बाद वह सोवियत संघ में भारत की राजदूत बनीं। और कई देशों में राजदूत के रूप में काम किया।

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