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कभी इस शख्स की वजह से गहलोत की खुली थी किस्मत, देंगे रिटर्न गिफ्ट

Updated Sep 23, 2022 | 19:14 IST

Congress President Election: अगर अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव जीतते हैं तो राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इस पर सबकी नजर है। और इस रेस में सी.पी.जोशी और सचिन पायलट का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
सी.पी.जोशी इस राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष हैं
मुख्य बातें
  • अशोक गहलोत ने कहा है कि कुर्सी ऐसे व्यक्ति को मिले जो चुनाव जिता सके।
  • राजस्थान में साल 2023 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
  • अशोक गहलोत और सचिन पायलट की दूरियां जगजाहिर हैं।

Congress President Election: कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव की रेस में अशोक गहलोत का नाम सबसे ऊपर चल रहा है। और राहुल गांधी के बयान के बाद, अब गहलोत भी कहने लगे हैं कि एक व्यक्ति और एक पद का नियम लागू होना चाहिए। ऐसे में अगर अशोक गहलोत अध्यक्ष पद का चुनाव जीतते हैं, तो राजस्थान की सीएम की कुर्सी खाली होगी। और उसके लिए दो व्यक्ति सबसे बड़े दावेदार हैं। सचिन पायलट और सी.पी.जोशी दो नाम ऐसे हैं, जिनमें से किसी एक को मुख्यमंत्री की कुर्सी मिल सकती है। सी.पी.जोशी वह शख्स हैं, जिन्हें अशोक गहलोत का करीबी समझा जाता है। और ऐसी पूरी उम्मीद है कि अगर गहलोत की चली तो सी.पी.जोशी की किस्मत खुल सकती है। 

जोशी की वजह से गहलोत की खुली थी किस्मत

इस समय अगर जोशी को ताज मिलता है, तो निश्चित तौर पर गहलोत की बड़ी भूमिका होगी। लेकिन एक समय ऐसा था कि सी.पी.जोशी ही अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाने की वजह बने थे। बात साल 2008 की है, जब राजस्थान में विधान सभा चुनाव हो रहे थे। और उस समय सी.पी.जोशी राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे। और वह नाथद्वारा से विधायक के लिए चुनाव लड़ रहे थे। जोशी उस वक्त राजस्थान में नंबर वन नेता थे। ऐसे में उन्हें मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा था। लेकिन जोशी की किस्मत में कुछ और ही लिखा था और वह एक वोट की वजह से मुख्यमंत्री नहीं बन पाए।

एक वोट का क्या खेल था

नाथद्वारा द्वारा सीट सी.पी.जोशी की पसंदीदा सीट थी। वह साल 1980, 1985, 1998 और 2003 के चुनावों में इस सीट से जीत चुके थे। ऐसे मे नाथद्वारा से जीत के लिए वह पूरी तरह आश्वस्त थे। लेकिन 2008 में उनकी किस्मत ने साथ नहीं दिया। और वह एक वोट से चुनाव हार गए। एक वोट की हार ने जोशी की किस्मत ही बदल दी और उनकी जगह अशोक गहलोत को हाई कमान ने मुख्यमंत्री बना दिया और जोशी देखते रह गए। हालांकि बाद में जब केंद्र में यूपीए की सरकार बनी तो वह केंद्रीय मंत्री बनाए गए। लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी उनके हाथ से निकल गई। जोशी ने 2018 में एक बार फिर नाथद्वारा से ही चुनाव जीता है।

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गहलोत के इस बयान का क्या है मतलब

इस बीच अशोक गहलोत  के एक बयान के काफी मायने हैं। अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इस सवाल पर उन्होंने कहा कि नए मुख्यमंत्री का चयन करते समय, इस बात का भी ध्यान रखना  होगा कि कुर्सी ऐसे व्यक्ति को मिले जो चुनाव जिता सके। सचिन पायलट की अगुआई में कांग्रेस 2013 में सरकार में वापसी  की थी। वह उस समय कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे।  इसी तरह 2008 में सी.पी.जोशी की अगुआई में कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई थी। अब देखना है कि अगर अशोक गहलोत अध्यक्ष बनते हैं, तो मुख्यमंत्री की कुर्सी सी.पी.जोशी को मिलती है या फिर सचिन पायलट को मिलती है। खास तौर से जब सचिन पायलट जब गांधी परिवार के करीबी हैं।

सीपी जोशी ब्राह्मण और गांधी परिवार के करीबी

सी.पी. जोश ब्राह्मण समुदाय से आते हैं। इसके अलावा अशोक गहलोत की तरह, उनके पास भी लंबा राजनीतिक अनुभव है। और वह भी गांधी परिवार के करीबी नेता माने जाते हैं। इस समय वह राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष भी है। इसके अलावा भले ही साल 2020 में सचिन पायलट की बगवात की आग शांत हो गई है। लेकिन अशोक गहलोत और सचिन पायलट के रिश्ते सामान्य नहीं हुए हैं। ऐसे में अशोक गहलोत सचिन पायलट की जगह सी.पी.जोशी पर कहीं ज्यादा भरोसा दिखा सकते हैं।

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