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Bengal Chunav 2021 : बंगाल क्यों नहीं जा रहे राहुल गांधी, 5 दिन बाद होना है पहले चरण का चुनाव 

Updated Mar 22, 2021 | 09:34 IST

West Bengal Assembly Elections : पिछले दिनों अपनी केरल यात्रा के दौरान राहुल ने लेफ्ट सरकार पर निशाना साधा था। केरल चुनाव से पहले राहुल बंगाल में लेफ्ट के नेताओं के साथ यदि चुनाव प्रचार करते हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
बंगाल क्यों नहीं जा रहे राहुल गांधी।
मुख्य बातें
  • बंगाल में 27 मार्च को है पहले चरण का चुनाव, लेफ्ट के साथ गठबंधन में है कांग्रेस
  • दो दिन पहले राहुल ने असम में पार्टी के लिए प्रचार किया, बंगाल अभी नहीं किया दौरा
  • सूत्रों का कहना है कि केरल में 6 अप्रैल का चुनाव होने के बाद बंगाल जा सकते हैं राहुल

नई दिल्ली : केरल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के चुनावी अभियान बढ़ाने के लिए राहुल गांधी सोमवार को राज्य का दौरा कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। कांग्रेस इन सभी राज्यों में चुनाव लड़ रही है। इन राज्यों में चुनावी सरगर्मी शुरू होने के बाद राहुल बंगाल को छोड़कर सभी राज्य का दौर कर चुके हैं। दो दिन पहले वह असम के दौरे पर थे। उन्होंने डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया में पार्टी के लिए प्रचार किया लेकिन वह बंगाल नहीं गए। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी पिछले दिनों असम के दौरे पर थीं लेकिन वह भी अभी तक बंगाल नहीं गई हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि कांग्रेस के ये दोनों शीर्ष नेता बंगाल चुनाव से इतनी दूरी क्यों बना रहे हैं। 

'भ्रम की स्थिति' से बचना चाहती है कांग्रेस
दरअसल, इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह बताई जा रही है कि बंगाल में कांग्रेस लेफ्ट दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है तो केरल में उसका सामना सीधे तौर पर लेफ्ट से है। ऐसे में बंगाल में चुनाव प्रचार के लिए जाने पर राहुल को लेफ्ट के नेताओं के साथ मंच साझा करना पड़ेगा और उनकी तारीफ करनी पड़ेगी। इसका सीधा असर मतदाताओं पर पड़ेगा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लेफ्ट को लेकर कांग्रेस पर हमलावर होगी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह एक बड़ी वजह है जिसके चलते राहुल बंगाल चुनाव से दूरी बना रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि केरल में चुनाव संपन्न हो जाने के बाद वह बंगाल में चुनाव प्रचार के लिए जा सकते हैं। 

केरल में लेफ्ट सरकार पर निशाना साधते हैं राहुल
पिछले दिनों अपनी केरल यात्रा के दौरान राहुल ने लेफ्ट सरकार पर निशाना साधा था। केरल चुनाव से पहले राहुल बंगाल में लेफ्ट के नेताओं के साथ यदि चुनाव प्रचार करते हैं तो इससे दक्षिण के इस राज्य के मतदाताओं के बीच भ्रम कि स्थिति बनेगी। केरल में कांग्रेस को उम्मीद है कि वह इस बार सत्ता में वापसी करेगी। मतदाताओं के सामने किसी तरह की दुविधा न हो इससे कांग्रेस फिलहाल बचना चाहती है। केरल में कांग्रेस माकपा के नेतृत्व वाली एलडीएफ के खिलाफ चुनाव लड़ रही है। उम्मीद की जा रही है कि छह अप्रेल को जब केरल में चुनाव संपन्न हो जाएगा, इसके बाद कांग्रेस नेता बंगाल की तरफ रुख करेंगे। 

आईयूएमएल के साथ है कांग्रेस का अलायंस
केरल में कांग्रेस का गठबंधन इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के साथ है। राज्य में कांग्रेस 91 सीटों और आईयूएमएल 27 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। गठबंधन में शामिल पीजे जोसेफ की पार्टी 10 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। केरल में विधानसभा की 140 सीटों के लिए छह अप्रैल को मतदान होगा जबकि नतीजे दो मई को आएंगे। कांग्रेस नेता ने गत शनिवार को जोरहट में एआईयूडीएफ प्रमुख बदरूद्दीन अजमल का बचाव किया। उन्होंने कहा कि इनकी पार्टी एआईयूडीएफ के खिलाफ भाजपा का लगातार अप्रिय बातें कहना असम, इसके भाईचारे की संस्कृति और शांति पर हमला है।

असम में अजमल का बचाव किया
गुवाहाटी में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि भाजपा और आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) असम, इसकी संस्कृति, भाषा, परंपरा, इतिहास और अस्मिता पर हमले कर रहे हैं। कांग्रेस के गठबंधन सहयोगी एआईयूडीएफ की भाजपा द्वारा निंदा किये जाने के बारे में पूछे जाने पर राहुल ने कहा, ‘यह अजमल पर हमला नहीं है, बल्कि असम पर हमला है। यह यह असम के भाईचारे और शांति पर हमला है।’उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस ने राज्य और देश को नोटबंदी तथा जीएसटी के जरिए नुकसान पहुंचाया है।  

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