- 15 मई को पश्चिमी राजस्थान, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और पंजाब के अधिकांश इलाकों में तापमान 45-48 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहा।
- अगर तापमान 47 डिग्री सेंटीग्रेड या उससे अधिक हो जाए तो लू बेहद घातक हो जाती है।
- 18 मई से लू का प्रकोप कम होने का अनुमान है।
Heat Wave In India: भारत में गर्मी ने इस बार सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। हालात ऐसे हैं कि पिछले 122 साल में, इस बार अप्रैल का महीना चौथा सबसे अधिक गरम रहा। और मई में तो पारा बीते रविवार को दिल्ली में 49 डिग्री सेंटीग्रेड को भी पार गया। दिल्ली के नजफगढ़ में 49.1 और मुगेशपुर में 49.2 डिग्री तक तापमान पहुंच गया। वहीं उत्तर प्रदेश के बांदा में यह 49 डिग्री सेंटीग्रेड पहुंच गया। मई के महीने में लू चलना, भारतीय मौसम में आम बात है लेकिन तापमान 49 डिग्री तक पहुंच जाना सामान्य नहीं है। और यही कारण है कि इस समय उत्तर प्रदेश,राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़,मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र , जम्मू और कश्मीर और तेलंगाना में लू (Heat Wave) का प्रकोप है।
क्या होती है Heat Wave
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार लू या Heat Wave उस स्थिति को कहते हैं जब तापमान मनुष्य के लिए घातक साबित होने लगता है। यानी तापमान की वजह से मनुष्य के लिए जीवन का संघर्ष हो जाए। आम तौर पर जब किसी मैदानी इलाके का तापमान 40 डिग्री सेंटीग्रेड को पार कर जाय तो वहां पर लू चलने लगती है। और पहाड़ी इलाके में 30 डिग्री सेंटीग्रेड से ज्यादा के तापमान पर लू चलने लगती है। अगर सामान्य स्थिति से तापमान 4.5 से 6.4 डिग्री सेंटीग्रेड बढ़ जाता है तो लू गंभीर हो जाती है। लेकिन अगर यही तापमान सामान्य से 6.4 डिग्री से ऊपर चला जाय तो यह स्थिति घातक हो जाती है।
भारत में कई इलाकों में घातक स्थिति में लू
इस आधार पर अगर तापमान 45 डिग्री सेंटीग्रेड या उससे उपर हो जाता है, तो लू कि स्थिति चिंताजनक हो जाती है। लेकिन अगर तापमान 47 डिग्री सेंटीग्रेड या उससे अधिक हो जाए तो लू बेहद घातक हो जाती है। भारत के अधिकांश राज्य इस समय ऐसी ही स्थिति का सामना कर रहे हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के अनुसार 15 मई को पश्चिमी राजस्थान, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और पंजाब के अधिकांश इलाकों में तापमान 45-48 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच रहा।
क्यों इतना ज्यादा है तापमान
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग से मिली जानकारी के अनुसार भारत में सामान्य तौर पर लू (Heat Wave) उत्तर-पश्चिमी भारत से शुरू होती है। और उसके बाद बढ़ते हुए पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्र की ओर बढ़ती है। मार्च से जून के बीच यह पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश,बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश,तेलंगाना के कुछ हिस्से तक असर डालती है।
जहां तक ज्यादा तापमान होने की बात है तो उसका कारण मौसम में परिवर्तन है। मसलन जब किसी क्षेत्र गर्म हवाएं तेजी से फैलती है और उपरी वायुमंडल में आर्द्रता बेहद कम होती है और आकाश में बादल नहीं होते हैं। तो लू ज्यादा खतरनाक हो जाती है। इस समय ऐसी ही स्थिति है। जिसकी वजह से तापमान 49 डिग्री सेंटीग्रेड तक पहुंच गया है।
दिल्ली में 72 साल में अप्रैल के पहले सप्ताह में इतना अधिक तापमान दर्ज
18 मई से कम होगा लू (Heat Wave) का प्रकोप
लू के प्रकोप के बीच अच्छी खबर है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा सोमवार की जारी बुलेटिन के अनुसार मानसून ने बंगाल की खाड़ी में दस्तक दी है। अंडमान निकोबार और पश्चिम बंगाल में इसका असर देख रहा है। अब जल्द मानसून केरल पहुंच सकता है। इस हफ्ते केरल, उत्तराखंड, असम और मेघालय में बारिश का अनुमान है। मौसम विभाग के अनुसार 17 मई तक दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, चंडीगढ़, मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों और महाराष्ट्र के विदर्भ में लू का यलो अलर्ट है। हालांकि18 मई से लू का प्रकोप कम होने का अनुमान है।