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Sawal Public Ka: क्या परिवारवाद पर प्रहार से मिटेगा भ्रष्टाचार! प्रधानमंत्री के प्रण से मुख्य विपक्षी दल बैकफुट पर आ गये हैं ? 

Updated Aug 15, 2022 | 23:00 IST

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने राजनीतिक तर्क को दो स्तंभों पर तैयार किया- भविष्य के लिए पांच-बिंदु 'प्राण' (प्रतिबद्धता / संकल्प) की वर्तनी और 'भ्रष्टाचार' और "वंशवाद की राजनीति और भाई-भतीजावाद" की जुड़वां चुनौतियां देश का सामना कैसे करती हैं। 

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स्वतंत्रता दिवस के 75वें साल के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लालकिले से नौवीं बार तिरंगा फहराया। आजादी के 100 साल पूरे होने पर भारत को विकसित देश बनाने का संकल्प लिया। उन्होंने भारत के विकास के लिए 25 साल का ब्लूप्रिंट रखा..पांच प्रण का संकल्प दिलाया । 
 
ये पांच प्रण हैं- 

बड़े संकल्प लेकर चलने का प्रण...
गुलामी का अंश भी खत्म करने का प्रण... 
विरासत पर गर्व करने का प्रण... 
एकता और एकजुटता का प्रण...
नागरिकों के कर्तव्य का प्रण... 

लालकिले से प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने आज कहा कि जिन्होंने देश को लूटा है उन्हें वो लौटाना होगा...प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार और परिवारवाद पर सीधा प्रहार किया और जनता से इस मुहिम में साथ देने की अपील की...सवाल है कि क्या परिवारवाद पर प्रहार से मिटेगा भ्रष्टाचार ?

भ्रष्टाचार,भाई-भतीजावाद बड़ी चुनौतियां
भ्रष्टाचारियों पर उदारता ठीक नहीं
भ्रष्टाचार देश को खोखला कर रहा
भाई-भतीजावाद से कई संस्थाएं ग्रसित
बैंक लूटने वालों की संपत्ति जब्त हो रही
भ्रष्टाचारियों का महिमामंडन ठीक नहीं
भ्रष्टाचार से हर हाल में लड़ना है
भ्रष्टाचार को खत्म करना है
परिवारवाद की राजनीति परिवार के लिए
परिवारवादियों को देश से लेना देना नहीं
परिवारवाद से देश संस्थाओं को नुकसान
परिवारवाद के खिलाफ नफरत भाव जरूरी
संस्थाएं बचाने के लिए परिवारवाद का विरोध

प्रधानमंत्री मोदी ने भ्रष्टाचार और परिवारवाद पर चोट करते हुए साफ कहा कि जिसने लूटा है, उसे लौटाना भी होगा। इसी चोट से कांग्रेस परेशान हो गई । सोनिया गांधी ने लिखित बयान जारी कर पलटवार किया..कहा-

आज देश में आत्ममुग्ध सरकार है और प्रधानमंत्री राजनीतिक लाभ के लिए गलतबयानी कर रहे हैं। ऐतिहासिक तथ्यों पर गलतबयानी की जा रही है जबकि देश ने कई क्षेत्रों में अमिट छाप छोड़ी है और 75 साल में देश ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं ।

राजनीति के जानकार कहते हैं कि कांग्रेस की बेचैनी की वजहें भी हैं । क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने 2024 के लोकसभा चुनाव का एजेंडा तय कर दिया है कयास ये भी लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में परिवारवाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी सरकार कोई बड़ा फैसला ले सकती है...क्योंकि देश में पूरब से लेकर पश्चिम तक और उत्तर से लेकर दक्षिण तक परिवारवादी पार्टियां हैं । सियासत में भाई-भतीजावाद का बोलवाला है । और इनमें से कई पार्टियों पर भारी भरकम भ्रष्टाचार का आरोप है । 

भ्रष्टाचार को लेकर प्रधानमंत्री की चिंता की वजहें वाजिब हैं,

- क्योंकि हाल के दिनों के EXAMPLES देखिए तो 12 अगस्त को ED ने बेंगलुरु की फर्जी कंपनियों से 370 करोड़ रुपये जब्त किए । 

- 11 अगस्त 2022 को महाराष्ट्र के जालना में इनकम टैक्स का छापा
पड़ा, तो 58 करोड़ कैश जब्त हुए । 390 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति का खुलासा हुआ । 

- 31 जुलाई 2022 को संजय राउत के घर पर छापा पड़ा । बिना हिसाब वाले 11.50 लाख रुपए जब्त हुए । 

- जुलाई 2022 में TMC के पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के कई फ्लैट पर छापे पड़े । 50 करोड़ रुपए से ज्यादा कैश जब्त हुए । 2 करोड़ 76 लाख का सोना भी जब्त किया गया । 

- 15 जुलाई 2022 को झारखंड में अवैध खनन के मामले में हेमंत सोरेन के करीबी पंकज मिश्रा के ठिकानों पर छापे पड़े । 11.88 करोड़ रुपए कैश जब्त किए गए । 

- 9 जुलाई 2022 को झारखंड में पंकज मिश्रा के 18 ठिकानों पर छापा पड़ा ।
5.32 करोड़ रुपए कैश जब्त हुए ।

- 7 जून 2022 को दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन के यहां ईडी की रेड हुई । 2.85 करोड़ और 133 सोने के सिक्के जब्त किए गए ।

 ये तो महज कुछ ही EXAMPLES हैं, जो मैंने आपके सामने रखे । भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी सरकार की सख्ती के कारण ED ने 8 साल में करीब एक लाख करोड़ रुपये जब्त किए हैं । और अब पीएम ने भाई भतीजावाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ लाल किला से नया संकल्प लिया है । इन सबके बीच 

आज पब्लिक का पहला सवाल है-- 

क्या पीएम मोदी ने 2024 का एजेंडा सेट कर दिया ? 

दूसरा सवाल- 
क्या प्रधानमंत्री के प्रण से मुख्य विपक्षी दल बैकफुट पर आ गये हैं ? 

और पब्लिक का तीसरा सवाल है -
क्या परिवारवाद पर प्रहार से मिटेगा भ्रष्टाचार ?

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