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President Elections में पैसों के बूते BJP चला रही Operation Lotus, पर सही नाम 'ऑपरेशन मल'- बोले यशवंत सिन्हा

Updated Jul 15, 2022 | 00:10 IST

अटल सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके सिन्हा ने चेताते हुए यह भी कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था श्रीलंका के रास्ते नहीं जाएगी, लेकिन हमारे विदेशी मुद्रा भंडार बहुत तेजी से घट रहे हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
यशवंत सिन्हा काफी समय से पीएम नरेंद्र मोदी के कटु आलोचक रहे हैं।
मुख्य बातें
  • 'राष्ट्रपति चुनाव के लिए BJP जो कर रही खरीद-फरोख्त हो उसकी ठीक से जांच'
  • गणतंत्र के सर्वोच्च पद के चुनाव में भी अब ‘ ऑपरेशन कमल’ लागू किया जा रहा
  • दल-बदल व सरकारें गिराने के लिए किया गया इस ऑपरेशन का इस्तेमाल- सिन्हा

विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने बृहस्पतिवार (14 जुलाई, 2022) को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति (देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद) चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा पैसे के बूते चला रही ‘ ऑपरेशन कमल' चला रही है। उन्होंने इसके साथ ही इस चुनाव में कथित खरीद-फरोख्त की जांच की मांग है।

गैर-बीजेपी MLAs को मोटी रकम की जा रही ऑफर- सिन्हा
उन्होंने दावा किया कि भगवा पार्टी ‘आपरेशन कमल’ चला रही है, जिसके तहत वह अपने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए कथित तौर पर ‘‘गैर-भाजपा विधायकों को बड़ी रकम’’ की पेशकश कर रही है, क्योंकि वह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव परिणाम से डरती है। 

कांग्रेस विधायकों से भेंट के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैंने आज सुबह गहरे दुख के साथ मध्य प्रदेश के एक प्रमुख अखबार में छपी खबर को शीर्षक के साथ पढ़ा- ‘भाजपा की नजर कांग्रेस के 26 जनजातीय विधायकों पर है, क्रॉस वोटिंग की तैयारी।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ मैंने विश्वसनीय स्रोतों से यह भी सुना है कि राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार को वोट देने के लिए गैर-भाजपा विधायकों को बड़ी रकम की पेशकश की जा रही है।’’ सिन्हा ने कहा कि इसका साफ मतलब है कि गणतंत्र के सर्वोच्च पद के चुनाव में भी अब ‘ ऑपरेशन कमल’ लागू किया जा रहा है।

"सही नाम ऑपरेशन मल है, क्योंकि..."
उन्होंने चुनाव आयोग और राज्यसभा के महासचिव, जो राष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी हैं, से सत्तारूढ़ दल की कथित भ्रष्टाचारयुक्त तरीकों की जांच करने का आग्रह किया। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन कमल का सही नाम ऑपरेशन मल (गंदगी) है, क्योंकि यह सत्ताधारी दल के गंदे राजनीतिक भ्रष्टाचार का पर्याय बन गया है। इसका इस्तेमाल विपक्षी दलों में दल-बदल करने और यहां तक कि विपक्षी दलों द्वारा चलाई जा रही प्रदेश सरकारों को गिराने के लिए किया गया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश के अलावा भाजपा ने इसका इस्तेमाल कर्नाटक, गोवा, अरुणाचल प्रदेश और हाल ही में महाराष्ट्र में विपक्षी सरकारों को हटाने के लिए किया है। उन्होंने कहा कि वह इस सब में भारत में लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी को सुनते हैं। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए ओडिशा की एक जनजातीय नेता द्रोपदी मूर्मु को अपना उम्मीदवार बनाया है। राष्ट्रपति का चुनाव 18 जुलाई को होगा।

क्या है ऑपरेशन कमल?
दरअसल, कमल भाजपा का चुनाव चिह्न है। हाल के वर्षों में विपक्षी दल भाजपा पर गैर भाजपा शासित राज्यों में सत्ता हासिल करने के लिए भाजपा पर ‘‘ऑपरेशन कमल’’ चलाने का आरोप लगाते रहे हैं। विपक्षी दल इस शब्द का इस्तेमाल सरकार बनाने के लिए दलबदल करने के भगवा पार्टी के कथित प्रयासों को बताने के लिए करते हैं। 

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